भारतीय सिनेमा में सौमित्र चटर्जी का योगदान स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा : प्रसेनजीत
- भारतीय सिनेमा में सौमित्र चटर्जी का योगदान स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा : प्रसेनजीत
मुंबई, 15 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्ला फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी भी कई अन्य फिल्म प्रेमियों की तरह प्रख्यात अभिनेता सौमित्र चटर्जी के निधन के बारे में सुनकर काफी दुखी हैं। प्रोसेनजीत का कहना है कि सौमित्र उनके पिता समान थे और उनका जाना उनकी व्यक्तिगत क्षति है।
आईएएनएस संग फोन पर हुई बातचीत में अभिनेता ने कहा कि इस दुख से उबरने में उन्हें थोड़ा वक्त लगेगा।
प्रोसेनजीत ने भारी आवाज में आईएएनएस को बताया, वह मेरे लिए पिता समान थे और बंगाल में उनके योगदान, चाहे वह भारतीय सिनेमा हो या थिएटर, वे स्वर्ण अक्षरों में लिखे जाएंगे। मुझे इन सबसे उबरने में कुछ वक्त लगेगा।
बीते दशकों में प्रोसेनजीत ने सौमित्र संग कई फिल्मों में काम किया है, जिनमें मयूराक्षी (2017), प्राक्तन (2016), गुरु शिष्य (2001), बाबा कैनो चाकोर (1998), लाठी (1996) और आतंक (1986) शामिल हैं।
अतनु घोष द्वारा निर्देशित मयूराक्षी साल 2018 के नेशनल अवॉर्ड में सर्वश्रेष्ठ बांग्ला फीचर फिल्म के पुरस्कार से नवाजा गया था।
सौमित्र चटर्जी 5 अक्टूबर को कोविड जांच में पॉजिटिव पाए गए थे। अगले ही दिन उन्हें कोलकाता के वेल ब्यू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार सुबह हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड ने उनके निधन का ऐलान किया। वह 85 साल के थे।
एएसएन/एसजीके
Created On :   15 Nov 2020 6:31 PM IST