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ओटीटी : कोर्ट रूम ड्रामा पर सूर्या ने जय भीम को लेकर की बात

हाईलाइट
- सूर्या- जय भीम कहानी को लोगों के सामने पेश करने की जरूरत
चेन्नई, 26 अक्टूबर । सूर्या शिव कुमार आगामी कोर्ट रूम ड्रामा फिल्म जय भीम में एक वकील के रूप में अभिनय कर रहे हैं। फिल्म 2 नवंबर को प्राइम वीडियो पर एक ओटीटी रिलीज होगी। ज्ञानवेल के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रकाश राज, लिजो मोल जोस, राजिशा, मणिकंदन, राव रमेश और अन्य स्टार महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।
ज्ञानवेल द्वारा लिखित और निर्देशित जय भीम का निर्माण सूर्या और ज्योतिका ने अपने प्रोडक्शन बैनर 2 डी एंटरटेनमेंट के तहत किया है। अभिनेता सूर्या ने जय भीम में काम करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए आईएएनएस से खास बातचीत की है।
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने इस विषय को क्यों चुना, सूर्या ने बताया कि इस कहानी को लोगों को सामने पेश करने की जरूरत है। जिस दुनिया में हम रहते हैं, हमारे अपने घरों से कुछ किलोमीटर दूर, तथाकथित निम्न जातियों के ये लोग बहुत पीड़ित हैं। वे अपने दैनिक जीवन में जिस अन्याय का सामना करते हैं, उसे चित्रित करने की आवश्यकता है। जब मुझे इसकी कहानी मिली, तो इसने मेरे अंदर एक आवाज को प्रेरित किया।
सूर्या ने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें ऐसी महान फिल्म का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला, जो वास्तविकता को चित्रित करती है। तमिल फिल्मों में यथार्थवादी ²ष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर गजनी अभिनेता ने जवाब दिया, तमिल फिल्में वास्तविकता के चित्रण और हमारे आसपास के लोगों के जीवन के बारे में होती हैं। मैं इस परियोजना में काम करने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं।
सूर्या ने कहा कि यह फिल्म राजनीतिक अन्याय और पुलिस के जरिए दलितों को एक आसान लक्ष्य बनाने के बारे में है। यह एक वकील की यात्रा है, जो एक निचली जाति की महिला को न्याय दिलाने के लिए ²ढ़ है, जो अपने मूल अधिकारों से वंचित है।
सूर्या ने कहा कि ये घटनाएं भारत के सभी हिस्सों में हर दिन होती हैं। इसलिए, वकील चंद्रू जैसे नायक और उनकी कहानी को आगे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि सभी को कानून की शक्ति का एहसास हो सके।
अपनी फिल्मों की ओटीटी रिलीज के बारे में पूछे जाने पर, सूर्या ने जवाब दिया कि आज हम एक डिजिटल क्रांति युग में है। हालांकि हम सभी सिनेमा रिलीज को याद करते हैं। जय भीम को भारत और 240 देशों और क्षेत्रों में इतनी बड़ी रिलीज मिली है। पहुंच को देखते हुए, मुझे लगता है कि यह कोई छोटी बात नहीं है।
(आईएएनएस)
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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