तापसी ने कविता के जरिए साझा किया प्रवासी मजदूरों का दर्द

Taapsee shared the pain of migrant laborers through poetry
तापसी ने कविता के जरिए साझा किया प्रवासी मजदूरों का दर्द
तापसी ने कविता के जरिए साझा किया प्रवासी मजदूरों का दर्द

मुंबई, 11 जून (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू ने एक कविता के माध्यम से प्रवासी मजदूरों के उस दर्द को आवाज दी है, जिनका सामना उन्होंने कोरोनाकाल में किया है। तापसी का कहना है कि यह महामारी भारत के लिए एक वायरल इंफेक्शन से कहीं ज्यादा बदतर रही है।

इस कविता का शीर्षक प्रवासी है। इस कविता के वीडियो में लॉकडाउन के दौरान वायरल हुए उन तमाम मजूदरों की तस्वीरें हैं, जिनके दर्द को देखकर पूरा देश भावुक हो गया था। इन तस्वीरों को एनिमेशन का रूप दिया गया है।

वीडियो की शुरुआत हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश के वासी है? इन पंक्तियों के साथ होती है।

दर्दभरी एनिमेटेड तस्वीरों के साथ तापसी बैकग्रांउड में अपनी आवाज में कविता पढ़ती रहती हैं। इसमें उन प्रवासियों की समस्याओं व परेशानियों को इतने बेहतर ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो किसी इंसान के दिल को झकझोर कर रख देने के लिए काफी है।

तापसी ने सोशल मीडिया पर इस कविता को साझा किया है।

इसे पोस्ट करते हुए वह लिखती हैं, तस्वीरों की एक श्रंखला, जो शायद हमारे दिमाग से कभी नहीं मिट पाएगी। ये पंक्तियां लंबे समय तक हमारे दिमाग में गूजेंगी। यह महामारी भारत के लिए एक वायरल इंफेक्शन से भी बदतर रही।

Created On :   11 Jun 2020 3:30 PM GMT

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