सिद्धांत मिश्रा: मरजाना की आवाज़, तेरा ख्याल की धड़कन और सिकंदर नाचे की ऊर्जा

संगीत कभी-कभी कलाकारों को चुनता है। सिद्धांत मिश्रा के लिए म्यूज़िक कोई सोचा-समझा करियर विकल्प नहीं था, बल्कि उनकी पहचान का हिस्सा था, जो हमेशा उन्हें पुकारता रहा। आज वही पुकार उन्हें बॉलीवुड तक ले आई है, जहाँ उनकी आवाज़ और उनकी धुनें लाखों दिलों में गूंजने लगी हैं।
मरजाना: जिसने सुनाई उनकी पहचान
हर कलाकार के जीवन में एक पल आता है जब उसे लगता है कि अब उसकी कला लोगों तक पहुँच गई है। सिद्धांत के लिए वह पल था फिल्म बागी 4 का गाना मरजाना। बड़े पर्दे पर अपनी आवाज़ सुनना उनके लिए एक सपना सच होने जैसा था।
वह बताते हैं
“थियेटर में बैठकर जब मरजाना बजा, तो मुझे सिहरन सी हुई। वह अब सिर्फ मेरी आवाज़ नहीं रही, बल्कि कहानी और किरदार का हिस्सा बन गई थी। तभी मुझे महसूस हुआ यही मेरी जगह है।”
इस गाने ने सिद्धांत को एक पहचान दी और दर्शकों को उनकी आवाज़ की गहराई से जोड़ा। इस गीत में बी प्राक के साथ काम करना उनके लिए बेहद खास अनुभव रहा।
तेरा ख्याल: एक कंपोज़र की धड़कन
अगर मरजाना ने सिद्धांत की आवाज़ को पहचान दी, तो तेरा ख्याल ने उनके कंपोज़र रूप को सामने लाया। यह भी बागी 4 का हिस्सा रहा। गीत को गाया उनके भाई, लोकप्रिय गायक स्टेबिन बेन ने। इसके बोल लिखे दिग्गज गीतकार समीर अंजान ने और निर्माण हुआ साजिद नाडियाडवाला और निर्देशक ए. हर्षा के मार्गदर्शन में।
सिद्धांत कहते हैं
“यह गाना मेरे दिल के बेहद करीब है। जब स्टेबिन ने इसे गाया, तो ऐसा लगा मानो मेरा दिल उनकी आवाज़ से बोल रहा हो। समीर सर और साजिद सर का भरोसा इसे और भी खास बना गया।”
यह गीत केवल एक रोमांटिक ट्रैक नहीं है, बल्कि भावनाओं का अनुभव है, जो श्रोताओं के दिल में देर तक ठहर जाता है।
सिकंदर नाचे: जश्न का नया सुर
इसके बाद आया ए. आर. मुरुगदास की फिल्म सिकंदर का गाना सिकंदर नाचे, जिसमें सलमान खान नज़र आए।
यह फिल्म का बड़ा सेलिब्रेशन ट्रैक था, जिसे सिद्धांत ने अमित मिश्रा और आकासा के साथ गाया और कंपोज़ भी किया। गाने के बोल समीर ने लिखे और कोरियोग्राफी अहमद खान ने की।
यह गाना सिद्धांत के लिए एक नए अध्याय जैसा था। जहाँ मरजाना गहरा और soulful था, तेरा ख्याल रोमांटिक, वहीं सिकंदर नाचे पूरी तरह एनर्जी से भरपूर डांस नंबर साबित हुआ।
संघर्ष, जज़्बा और आगे का सफ़र
बॉलीवुड की दुनिया आसान नहीं। सिद्धांत मानते हैं कि यहाँ हज़ारों आवाज़ें जगह बनाने की कोशिश करती हैं। वह कहते हैं—
“कभी-कभी शक हुआ, लेकिन मैंने संगीत पर अपना विश्वास बनाए रखा। वही मुझे आगे बढ़ाता रहा।”
आज उनके गाने न केवल थिएटर में गूंज रहे हैं, बल्कि लोगों के प्लेलिस्ट और दिलों तक पहुँच रहे हैं। सिद्धांत मानते हैं कि यह बस शुरुआत है आगे और भी बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स और इंडिपेंडेंट म्यूज़िक पर वह काम कर रहे हैं।
आवाज़ से आगे, एक धरोहर की ओर
मरजाना में बी प्राक के साथ गाने से लेकर तेरा ख्याल कंपोज़ करने तक और अब सिकंदर नाचे जैसे जोशीले गाने तक, सिद्धांत मिश्रा ने यह साबित कर दिया है कि वह सिर्फ एक सिंगर नहीं बल्कि कहानी कहने वाले संगीतकार हैं।
उनकी धुनें केवल गाने नहीं बल्कि भावनाएँ हैं, जिन्हें उन्होंने बड़ी मेहनत और संवेदनशीलता से गढ़ा है। आने वाले समय में सिद्धांत का लक्ष्य साफ है हर गीत श्रोताओं के दिल पर अपनी छाप छोड़े।
Created On :   25 Sept 2025 1:58 PM IST