फैक्ट चेक: किसान आंदोलन में गाड़ी से बांटा जा रहा है शराब? जानिए सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो की सच्चाई

किसान आंदोलन में गाड़ी से बांटा जा रहा है शराब? जानिए सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो की सच्चाई
  • गाड़ी से शराब बांटने का वीडियो वायरल
  • वीडियो के किसान आंदोलन से जुड़े होने का दावा
  • जानिए वायरल वीडियो की सच्चाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जोड़कर एक वीडियो को तेजी से वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो में कुछ लोगों को गिलास लेकर एक गाड़ी से शराब लेते हुए देखा जा सकता है। कई सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का बता रहे हैं।

एमएसपी की गारंटी और ऋण माफी समेत अन्य 11 मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए दिल्ली कूच के लिए आगे बढ रहे हैं। कई किसान संगठनों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया है। इस बीच आंदोलनकारियों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए सरकार ने राजधानी की सीमाओं पर भारी पुलिस और अर्ध सैनिक बल तैनात किए हैं। भारी बैरिकेडिंग और आंसू गैस के गोलों के जरिए दिल्ली की सीमा पर तैनात सैनिक किसानों को रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं।

दावा - फेसबुक यूडर संदीप धामा ने 16 फरवरी को अपने अकाउंट से वायरल वीडियो शेयर किया। वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए यूजर ने लिखा, "सिंघु बॉर्डर पर बैठे भूख और प्यास से व्याकुल क्रांतिकारी किसानों का एक झुंड, यही है आंदोलन।" इस वीडियो को अन्य सोशल मीडिया यूजर्स भी समान दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल - वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए हमारी टीम ने पड़ताल शुरू की। सबसे पहले हमारी टीम ने वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। गूगल इमेज सर्च टूल की मदद से हमने वीडियो से संबंधित जानकारी निकालने की कोशिश की। इस दौरान हमें 'जिम जान दे शोकीन' नाम के फेसबुक यूजर के पेज पर यह वीडियो 11 अप्रैल 2020 को अपलोड किया हुआ मिला।

इसके अलावा वायरल वीडियो हमें आर पंजाबी नाम के यूट्यूब चैनल पर भी 11 अप्रैल 2020 को अपलोड किया हुआ मिला। इस वीडियो को बागी बलिया नाम के फेसबुक यूजर ने भी 11 अप्रैल 2020 को ही अपलोड किया है। वीडियो अपलोड की तारीख से साफ होता है कि दिल्ली बॉर्डर पर फिलहाल चल रहे किसान आंदोलन से इसका कोई संबंध नहीं है। जांच के दौरान हमारी टीम ने वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे को गलत पाया। पड़ताल में वायरल वीडियो भ्रामक साबित हुआ।

Created On :   18 Feb 2024 11:26 AM GMT

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