साइटोकीन तूफान से कोविड-19 की पहचान नहीं है : शोध

- साइटोकीन तूफान से कोविड-19 की पहचान नहीं है : शोध
लंदन, 6 सितम्बर (आईएएनएस)। कोविड-19 को लेकर कुछ पुरानी विचारधाराओं को चुनौती देते हुए एक शोध में बताया गया है कि कोविड-19 के मरीजों में स्थिति की गंभीरता का होना साइटोकीन तूफान नहीं भी हो सकता है।
ज्ञात हो कि साइकोटिन्स एक तरह का प्रोटीन है जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में एक अहम भूमिका निभाता है। जब यही प्रतिक्रिया काफी मजबूत होती है तब उसे साइटोकीन तूफान के नाम से जाना जाता है जिससे मरीज को नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है। ऐसा माना जाता है कि साइटोकीन तूफान कोविड-19 की स्थिति का पहचान है, हालांकि इसे अभी भी स्पष्ट तरीके से परिभाषित नहीं किया गया है।
कई मामलों में भिन्न साइकोटिन्स का मूल्यांकन किया गया है, लेकिन अन्य बीमारियों के साथ इसकी तुलना नहीं की गई है। ऐसे में कोविड-19 के साथ इसे जोड़कर देखने की स्थिति में इसकी निश्चितता को लेकर सवाल खड़ा किया जा सकता है। इस किए गए नए शोध को जर्नल जामा में प्रकाशित किया गया है जिसमें इन मरीजों के उपचार पर इसके प्रभाव पर बात की गई है।
नीदरलैंड्स में स्थित रेडबोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर से शोधकर्ताओं ने कुछ गंभीर स्थिति के साथ गहन चिकित्सा विभाग या आईसीयू में भर्ती किए गए मरीजों के खून में तीन आवश्यक साइकोटिन्स की कार्यप्रणाली पर गौर फरमाया। उन्होंने कोविड-19 के ऐसे मरीजों पर इसका परीक्षण किया जो सेप्टिक शॉक के साथ या इसके बिना तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (एडीआरआस) की स्थिति में से होकर गुजर रहे हैं।
रिसर्चर मैथिस कॉक्स ने कहा, सेप्टिक शॉक और एडीआरएस वाले रोगियों की तुलना में कोविड-19 के मरीजों में साइकोटिन्स का स्तर कम था। इसकी तुलना एआरडीएस के बिना सेप्टिक शॉक वाले रोगियों में भी की गई, तो पाया गया कि कोविड-19 के उन मरीजों में भी इसका स्तर कम था जिनमें बिना फुसफुस संबधी कोई गंभीर रोग नहीं है।
शोध में पाया गया कि कोविड-19 के मरीजों में साइटोकीन की गतिविधि दिल की बीमारी सहित पैनफुल ब्लैडर सिंड्रोम से ग्रस्त रोगियों में समान थी, यह एक ऐसी स्थिति है जिसमे साइटोकीन तूफान की बात की ही नहीं गई है।
कहा गया, कुल मिलाकर शोध में यह बताया गया कि साइटोकीन तूफान को कोविड-19 की विशेषता या उसकी पहचान के रूप में वर्णित नहीं किया जा सकता। मतलब इसका यह भी बैठता है कि कोविड-19 की गंभीर स्थिति से जूझ रहे मरीजों को भी एंटी-साइटोकीन थेरेपी से लाभ नहीं पहुंचाया जा सकता है।
एएसएन/जेएनएस
Created On :   6 Sept 2020 1:30 PM IST












