Health: मप्र में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हो रहे प्रयास

Efforts are being made to increase immunity of children in MP
Health: मप्र में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हो रहे प्रयास
Health: मप्र में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हो रहे प्रयास

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संकट काल के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्रों में दी जाने वाली सभी सेवाएं निरंतर जारी रखी गई हैं। इन सेवाओं में प्राथमिकता के आधार पर सभी हितग्राहियों विशेषकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाये रखने और उसे बेहतर करने के प्रयास जारी है।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आधिकारिक तौर पर दी जा गई जानकारी के अनुसार कोरोना के कारण आंगनवाड़ी केन्द्र बन्द रखे जाने की अवधि तक केन्द्र आने वाले तीन से छह वर्ष के बच्चों को गुणवत्ता युक्त रेडी टू ईट पोषण आहारप्रति हितग्राही प्रतिदिन के निर्धारित मानदण्ड से हर हफ्ते उपलब्ध कराया जा रहा है। सामान्य परिस्थियों में स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से उन्हें गर्म पका हुआ भोजन दिया जाता है।

बताया गया है कि प्रदेश में 42 हजार 266 स्व सहायता समूहों द्वारा स्थानीय स्तर पर रेडी टू ईट पूरक पोषण आहार के रूप में सत्तू, पंजीरी, लडडू चूरा, पौष्टिक मिक्च र, गुड़ पापड़ी आदि तैयार कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से छह माह से छह वर्ष तक गर्भवती व धात्री महिलाओं को 15-15 दिवस के अन्तराल में उपलब्ध करवाया जा रहा है।

एक तरफ जहां बच्चों पर ध्यान दिया जा रहा है वहीं सभी पात्र हितग्राहियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 द्वारा निर्धारित प्रोटीन एवं कैलोरी मानक युक्त पूरक पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी एडवाइजरी के माध्यम से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों एवं गर्भवती माताओं को उच्च जोखिम की श्रेणी में रखते हुए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त घर से बाहर न जाने के एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी गई है।

कोरोना संक्रमण काल के चलते प्रदेश वापस लौटे परिवारों में छह माह से छह साल तक के लगभग डेढ़ लाख बच्चे और लगभग 40 हजार गर्भवती व धात्री महिलाएं भी हैं। इन सभी को भी पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।

 

Created On :   5 Jun 2020 7:00 AM GMT

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