जानिए फेसबुक हानिकारक कंटेंट का कैसे पता लगाता है

Know how Facebook detects harmful content
जानिए फेसबुक हानिकारक कंटेंट का कैसे पता लगाता है
जानिए फेसबुक हानिकारक कंटेंट का कैसे पता लगाता है

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)। फेसबुक अपनी विषयसामग्रियों के अनुशोधन के लिए तकनीकि के तीन पहलुओं पर आश्रित रहता है ताकि अपने बाकी के सभी ऐप्स में अपनी समीक्षा की प्रक्रिया को लागू कर सके।

सबसे पहले जिस पहलू की बात करेंगे उसका नाम प्रोएक्टिव डिटेक्शन है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा किसी कंटेंट को लेकर यूजर्स के रिपोर्ट किए बिना ही विभिन्न क्षेत्रों में उल्लंघनों का पता लगाया जा सकता है और इसके परिणाम भी यूजर्स के रिपोर्ट्स के मुकाबले कहीं सटीक होते हैं।

कंपनी ने अपने एक बयान में कहा, इससे हमें हानिकारक विषयसामग्रियों का पता लगाने में मदद मिलती है और सैकड़ों व हजारों की तादात में लोगों द्वारा इसे देखे जाने पर रोक लगाई जाती है।

ऑटोमेशन वह दूसरा पहलू है जहां कुछ निश्चित क्षेत्रों के लिए एआई के स्वचालित निर्णय होते हैं, जहां कंटेंट या विषयसामग्री के उल्लंघन होने की संभावना बहुत अधिक रहता है।

फेसबुक में इंटेग्रिटी के प्रोडक्ट मैनेजमेंट के निदेशक जेफ किंग ने कहा, ऑटोमेशन या स्वचालन से पहले से रिपोर्ट किए गए किसी विषयसामग्री पर कार्रवाई करने का काम भी काफी आसान हो जाता है, इससे हमारी टीम को एक ही चीज की समीक्षा बार-बार नहीं करनी पड़ती है जिससे समय भी बचता है। कोविड-19 महामारी के वक्त तो ये सिस्टम और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गए है जब विषयसामग्रियों की समीक्षा करने वाली हमारी टीम अपने-अपने घरों में बैठकर काम कर रहे हैं।

तीसरा पहलू प्राथमिकता है।

रिपोर्ट किए गए विषयसामग्रियों को सिर्फ क्रमबद्ध तरीके से देखने के बजाय एआई उस विषयसामग्री की समीक्षा को प्राथमिकता देता है जो कि महत्वपूर्ण है, चाहें इसे फेसबुक में रिपोर्ट किया गया हो या फिर अपने ही प्रोटेक्टिव सिस्टम द्वारा इसका पता लगाया गया हो।

एएसएन/जेएनएस

Created On :   13 Aug 2020 12:30 PM IST

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