खाने की बुरी आदतों के खिलाफ कोविड-19 दुनिया के लिए एक चेतावनी है: जावडेकर

Kovid-19 is a warning to the world against bad eating habits: Javadekar
खाने की बुरी आदतों के खिलाफ कोविड-19 दुनिया के लिए एक चेतावनी है: जावडेकर
खाने की बुरी आदतों के खिलाफ कोविड-19 दुनिया के लिए एक चेतावनी है: जावडेकर
हाईलाइट
  • खाने की बुरी आदतों के खिलाफ कोविड-19 दुनिया के लिए एक चेतावनी है: जावडेकर

संयुक्त राष्ट्र, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कोविड-19 महामारी को दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की घटती उपलब्धता और प्रकृति के अनियमित दोहन के खिलाफ एक चेतावनी बताया है।

संयुक्त राष्ट्र के जैव विविधिता सम्मेलन में अपने भाषण में जावडेकर ने कहा, कोविड-19 महामारी ने इस तथ्य पर जोर दिया है कि खाने की बुरी आदतें उस प्रणाली को बर्बाद कर रही हैं जिसके दम पर इंसान जिंदा है।

चीन के जंगली जानवरों को भोजन के रूप में बेचने वाले बाजार से कोविड-19 की उत्पत्ति मानी जा रही है।

वैदिक शास्त्र के एक कोट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति रक्षती रक्षिता, यानि कि यदि आप प्रकृति की रक्षा करते हैं, तो प्रकृति आपकी रक्षा करेगी। भारत में अनादिकाल से प्रकृति के संरक्षण के साथ तालमेल बिठाकर जीने की संस्कृति रही है।

जावडेकर ने महात्मा गांधी की अहिंसा और जानवरों की सुरक्षा के लोकाचार को संविधान में शामिल करने के कानूनों का हवाला देते हुए कहा, इन्हीं के चलते धरती के 2.4 प्रतिशत भूभाग वाले भारत में दुनिया की 8 फीसदी प्रजातियां हैं।

मंत्री ने आगे कहा कि पिछले दशक में भारत ने देश के भौगोलिक क्षेत्र में वन क्षेत्र को 25 प्रतिशत तक बढ़ाया है। भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टेयर भूमि की उर्वराशक्ति और वनों की कटाई को बहाल किया जाए। इतना ही नहीं 2022 की समय सीमा से पहले ही बाघों की संख्या दोगुनी हो गई है।

एसडीजे-एसकेपी

Created On :   1 Oct 2020 12:31 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story