सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का बकाया चुकाने को दिए 10 साल

Supreme court gives 10 years to telecom companies to pay the dues of AGR
सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का बकाया चुकाने को दिए 10 साल
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नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दूरसंचार ऑपरेटरों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) से संबंधित बकाया चुकाने के लिए 10 साल की मोहलत दी।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, एस. अब्दुल नजीर और एम.आर. शाह की खंडपीठ ने दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का 10 प्रतिशत बकाया 31 मार्च, 2021 तक चुकाने का निर्देश दिया है। इस निर्णय से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को खासा राहत मिली है। दूरसंचार कंपनियों को बकाया चुकाने के लिए यह समय कुछ शर्तों के साथ दिया गया है।

पीठ ने दूरसंचार कंपनियों के प्रबंध निदेशकों या मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को निर्देश दिया है कि वे बकाया के भुगतान के बारे में चार सप्ताह में वचन या व्यक्तिगत गारंटी दें।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एजीआर देय राशि के पुनर्भुगतान के लिए 20 साल की अवधि का समर्थन किया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अवधि ज्यादा है। हालांकि, पीठ ने आठ प्रतिशत की रियायती दर से संबंधित कैबिनेट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया, जो कि एसबीआई की एक सीमांत एमसीएलआर दर पर आधारित है, जो वर्तमान में 7.75 प्रतिशत है।

शीर्ष अदालत ने कहा, विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन द्वारा लिखे गए पत्रों को देखते हुए, हमारा विचार है कि मंत्रिमंडल का निर्णय विभिन्न कारकों पर आधारित है, जो अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं के हित में है।

लेकिन, एक ही समय में, पीठ ने कहा, यह सुनिश्चित करना है कि बकाया राशि का भुगतान टोटो में किया जाए।

पीठ ने कहा, रियायत केवल इस शर्त पर दी जाती है कि इस अदालत द्वारा निर्धारित समय के भीतर बकाया का समय पर भुगतान किया जाएगा।

अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को आगाह करते हुए कहा है कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में उन पर जुमार्ना और ब्याज लगेगा। साथ ही यह अदालत की अवमानना भी होगी।

उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने कहा था कि इस फैसले को तीन आधार पर किया जाएगा। पहला, टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया चुकाने के लिए टुकड़ों-टुकड़ों में भुगतान करने की मोहलत देनी चाहिए या नहीं। दूसरा, जो कंपनियां इंसाल्वेंसी प्रक्रिया का सामना कर रही हैं, उनके बकाये को किस तरह वसूला जाए। तीसरा, क्या ऐसी कंपनियों का अपने स्पेक्ट्रम को बेचना वैध है।

एकेके/एसजीके

Created On :   1 Sept 2020 11:30 PM IST

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