पूरे भारत में कोविड रिपोर्टिग में उप्र, बिहार सबसे खराब : स्टैनफोर्ड स्टडी

UP, Bihar worst in Kovid reporting across India: Stanford study
पूरे भारत में कोविड रिपोर्टिग में उप्र, बिहार सबसे खराब : स्टैनफोर्ड स्टडी
पूरे भारत में कोविड रिपोर्टिग में उप्र, बिहार सबसे खराब : स्टैनफोर्ड स्टडी
हाईलाइट
  • पूरे भारत में कोविड रिपोर्टिग में उप्र
  • बिहार सबसे खराब : स्टैनफोर्ड स्टडी

नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में बताया है कि कर्नाटक ने कोविड-19 डेटा रिपोर्टिग में अच्छा काम किया है। वहीं बिहार और उत्तरप्रदेश का इस मामले में देश में सबसे खराब स्थान है।

प्रीपिंट्र रिपॉजिटरी मिडआरसिव में प्रकाशित अध्ययन में पूरे भारत में कोरोना की गुणवत्तापूर्ण डेटा रिपोर्टिग में विविधता पाई गई है।

शोधर्ताओं के अनुसार, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों के लिए पारदर्शी और सुलभ रिपोर्टिग बेहत महत्वपूर्ण है।

अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया, हमने भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किए गए कोविड-19 डेटा रिपोर्टिग का समग्र मूल्यांकन पेश किया।

उन्होंने कहा, मूल्यांकन से भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों और सरकारों द्वारा महामारी डेटा रिपोर्टिग के दिशानिर्देशों के पालन करने का पता चलता है।

तथ्यों का पता लगाने के लिए, रिसर्च टीम ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से किए गए कोविड-19 टेस्ट की गुणवत्ता का पता लगाने के लिए अर्ध मात्रात्मक रूपरेखा(सेमी क्वांटिटेटिव फ्रेमवर्क) तैयार की।

इस रूपरेखा में लोक स्वास्थ्य डेटा रिपोर्टिग के चार मुख्य पहलुओं को शामिल किया गया। रिसर्च टीम ने फिर इसे उपलब्धता, पहुंच, विशिष्टता और गोपनीयता के आधार पर परखा और 19 मई से 1 जून के बीच अध्ययनकर्ताओं ने 29 राज्यों द्वारा किए गए कोरोना डेटा रिपोर्टिग की गुणवत्ता का पता लगाया।

शोधकर्ताओं के अनुसार, हमारे परिणाम भारत में राज्य सरकारों द्वारा किए गए कोविड-19 डेटा रिपोटिर्ंग की गुणवत्ता में भारी असमानता का संकेत देते हैं।

अध्ययन से पता चला कि सीडीआरएस में कर्नाटक के 0.61(अच्छा) से बिहार और उत्तरप्रदेश के 0.0(खराब) के बीच भारी अंतर है।

इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि पंजाब और चंडीगढ़ ने आधिकारिक वेबसाइटों पर क्वोरंटीन में रह चुके लोगों की पहचान को अपने आधिकारिक वेबसाइट पर साझा किया, जिससे लोगों की निजता का हनन हुआ।

अध्ययन के अनुसार, राज्यों में सीडीआरएस में असमानता राष्ट्रीय, राज्य और व्यक्तिगत स्तर पर तीन महत्वपूर्ण निष्कर्षों पर प्रकाश डालती है।

राष्ट्रीय स्तर पर, अध्ययन में कोविड-19 डेटा की रिपोर्टिग के मामले में एक एकीकृत ढांचे की कमी का पता चलता है। साथ ही यह भी पता चलता है कि राज्यों द्वारा किए गए डेटा रिपोर्टिग की गुणवत्ता की निगरानी या ऑडिट करने के लिए एक केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता है।

शोध के अनुसार, एक एकीकृत रूपरेखा के बिना, अन्य राज्यों से डेटा लेना, उनसे राय लेना और महामारी संबंधी राष्ट्रव्यापी प्रतिक्रिया के समन्वय में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

शोधकर्ता ने लिखा, राज्यों के बीच समन्वय बेहद जरूरी है, क्योंकि आने वाले समय में और ज्यादा लोगों का राज्यों में आना-जाना होगा।

Created On :   26 July 2020 4:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story