US warn Russia: अमेरिका ने रूस को एक बार फिर दी चेतावनी, कहा- '51वें दिन भुगतने होंगे कड़े परिणाम'

अमेरिका ने रूस को एक बार फिर दी चेतावनी, कहा- 51वें दिन भुगतने होंगे कड़े परिणाम
  • अमेरिका ने रूस को एक बार फिर दी धमकी
  • 51वें दिन कड़े नियम लगाने की कही बात
  • डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी का लिंडसे ग्राहम ने किया स्वागत

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका ने एक बार फिर से रूस को धमकी दी है। अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर व्लादिमीर पुतिन (रूस के राष्ट्रपति) 50 दिनों के भीतर जंग खत्म नहीं करते हैं तो 51वें दिन उसको कड़े परिणाम भुगतने होंगे। इसलिए मेरा सुझाव है कि अयातुल्ला खामेनेई से फोन पर बात कर ले। आपको बता दें कि अयातुल्ला खामेनेई ईरान के राष्ट्रपति है और रूस का करीबी माना जाता है।

गौरतलब है कि बीते सोमवार (14 जुलाई) को दोनों देशों के बीच युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पुतिन 50 दिनों के अंदर समझौता नहीं करता तो उसके खिलाफ 100 फीसदी तक टैरिफ लगाए जाएंगे। उनके इस फैसले का आज लिंडसे ग्राहम ने स्वागत किया और चेतावनी भी दी है।

लिंडसे ग्राहम ने क्या दी चेतावनी

लिंडसे ग्राहम ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा, 'अगर पुतिन और अन्य लोग सोच रहे हैं कि 51वें दिन क्या होगा, तो मेरा सुझाव है कि वे अयातुल्ला खामेनेई को फोन करें।' उन्होंने आगे कहा कि ये चेतावनी रूस के लिए नहीं है बल्कि उसके अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के लिए भी है। उन्होंने रूस से सस्ते दाम पर तेल खरीदने वाले देशों को भी आलोचना की है और कहा, 'यदि मैं कोई ऐसा देश होता जो सस्ता रूसी तेल खरीदता और पुतिन की युद्ध को समर्थन देता तो मैं राष्ट्रपति ट्रंप की बात पर विश्वास करता।'

डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर रूस ने किया था पलटवार

ट्रंप के इस बयान के बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि मॉस्को नए प्रतिबंधों को झेलने की लिए तैयार है। ये बात उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट के दौरान कही थी।

रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'हम लगभग 50 दिन के बाद यह समझना चाहेंगे कि इस बयान के पीछे क्या तात्पर्य है। इससे पहले भी 24 घंटे और 100 दिन की समय-सीमाएं दी गई थीं। हमने यह सब देखा है और वास्तव में अमेरिकी राष्ट्रपति की मंशा को समझना चाहेंगे।'

Created On :   16 July 2025 9:04 PM IST

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