Russia-Ukraine War: NATO की भारत समेत इन देशों को धमकी, कहा - 'रूस को जंग रोकने के लिए कहें, वरना लगेगा 100 फीसदी टैरिफ'

NATO की भारत समेत इन देशों को धमकी, कहा - रूस को जंग रोकने के लिए कहें, वरना लगेगा 100 फीसदी टैरिफ
  • नाटो महासचिव ने भारत, चीन और ब्राजील को दी चेतावनी
  • रूस पर यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने का दवाब बनाने की कही बात
  • रूसी विदेश मंत्री ने धमकी को किया खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस से भारत समेत चीन और ब्राजील की दोस्ती नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) को फूटी आंख नहीं सुहा रही है। संगठन के महासचिव मार्क रूट ने तीनों देशों के राष्ट्र प्रमुखों को धमकी देते हुए कहा कि यदि आप चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको यह समझना होगा कि रूस के साथ व्यापार जारी रखने का भारी नुकसान हो सकता है।

पुतिन पर दबाव डालें तीनों देश

बुधवार को अमेरिकी सीनेटरों के साथ हुई मीटिंग के बाद मीडिया से बात करते हुए रूट ने यह बात कही। उन्होंने कहा, इन देशों को पुतिन से सीधे बात करनी चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए कि यदि उन्होंने जंग खत्म करने के लिए बातचीत नहीं की तो इसका असर उनकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

प्रतिबंध लगाने की धमकी दी

नाटो महासचिव ने तीनों देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध (Secondary Restrictions) लगाने की भी धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर ये देश रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखते हैं तो उन पर 100% सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जाएंगे। वहीं नाटो की इस धमकी को खारिज करते हुए रूस ने कहा कि उसे इस तरह के अल्टीमेटम किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं हैं।

रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव ने कहा, रूस ट्रम्प के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इस तरह के अल्टीमेटम मंजूर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे आर्थिक दवाब के आगे हम नहीं झुकेंगे न ही हमारी नीतियों में कोई बदलाव करेंगे।

क्या होता है सेकेंडरी प्रतिबंध?

सेकेंडरी प्रतिबंध सीधे देशों पर नहीं बल्कि उसके साथ व्यापार करने वाले देशों या कंपनियों पर लगाए जाते हैं। उदाहरण के लिए जैसे अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। यदि अब भारत या किसी भी देश की कोई कंपनी ईरान से तेल या अन्य उत्पाद खरीदती है, तो अमेरिका इसे उसके द्वारा ईरान पर लगाए प्रतिबंध की अनदेखी मानते हुए कंपनी को सजा दे सकता है।

इसके तहत वह उस कंपनी को अमेरिकी बैकिंग सिस्टर से बाहर का रास्ता दिखा सकती है, उस पर जुर्माना लगा सकती है या व्यापार पर रोक भी लगा सकती है। इस डर की वजह से कंपनियां प्रतिबंधित देश के साथ व्यापार करने से कतराने लगती हैं।

Created On :   16 July 2025 8:00 PM IST

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