Nimisha Priya Case: निमिषा प्रिया केस से लेकर विदेश के कुछ अहम मुद्दों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दी जानकारी

- भारत ने विदेशी मित्र देशों से किया संपर्क
- भारतीय नागरिक विदेश के नियमों का करे पालन
- भारत ने नाटो को दिया जवाब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने निमिषा प्रिया मामला, भारत-अमेरिका ट्रेड डील नाटो का बयान और अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों के लेकर अहम जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरूवार को प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा कि इस सभी मुद्दों पर सरकार मजबूती से काम कर रही है। वहीं, निमिषा के केस में बारीकी से नजर बनाए हुई है।
निमिषा प्रिया मामले में केंद्र सरकार की कार्रवाई
रणधीर जायसवाल ने कहा कि निमिषा प्रिया के केस को सुलझाने के लिए हमने स्थानीय अधिकारियों और उसके परिजनों से बात कही है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों से इस मामले में सरकार समधान तक पहुंचने के लिए समय-समय पर कई प्रयास कर रही है। साथ ही इस मामले पर बारीकी से नजर बनाए हुई है। उन्होंने आगे कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कुछ मित्र देशों के साथ भी संपर्क किया गया है और हर संभव मदद देने के लिए केंद्र सरकार तत्पर है। वहीं, कानूनी मदद के लिए सरकार की तरफ से एक वकील की नियुक्ति कर दी गई है। इस वक्त निमिषा यमन की सना जेल में है, उसे 16 जुलाई को फंसी दी जारी थी, अभी कुछ दिनों के लिए टल गई है।
भारत सरकार नाटो के बयान पर क्या बोली?
नाटो ने कहा, ‘रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कड़े प्रतिबंध लगा सकते हैं’ इस पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इस विषय पर रिपोर्ट देखी है। हम उस पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने आगे जोर देकर कहा कि हमारे नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। अगर इस मामले में दोहरा मापदंड होता है तो इसके लिए हम पहले से जानकारी दे देंगे।
अमेरिका से कितने नागरिकों को किया डिपोर्ट?
रणधीर जायसवाल ने पीसी के दौरान कहा कि इस साल 20 जनवरी से लेकर 16 जुलाई तक तकरीबन 1 हजार 563 भारतीय नागरिकों को अमेरिका से वापस भेजा गया है। इनमें से अधिकांश भारतीय लोग कमर्शियल प्लाइट से आए हैं।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत अमेरिका ट्रेड डील पर जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वालो नागरिकों को स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करना चाहिए।
Created On :   17 July 2025 7:18 PM IST