पाकिस्तान-इजराइल के बाद: अजरबैजान और आर्मेनिया ने नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकन के लिए ट्रंप का किया समर्थन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। अब अजरबैजान और आर्मेनिया ने नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकन के लिए ट्रंप का समर्थन किया है, इससे पहले पाकिस्तान और इजराइल समर्थन कर चुके है।
सोवियत संघ के समय में काराबाख क्षेत्र अजरबैजान का हिस्सा था, लेकिन यहां आर्मेनियाई आबादी बड़ी तादाद में रहती थी और इस इलाके को स्वायतत्ता प्राप्त थी। आर्मेनिया ईसाई और अजरबैजान मुस्लिम बहुल देश हैं। मुस्लिम ओटोमन साम्राज्य के दौरान यहां बड़ी संख्या में नरसंहार हुआ। जिसमें करीब 15 लाख आर्मेनियाई लोगों को मौत के घाट उतारा गया। इसे लेकर साल 1988 में काराबाख इलाके में रहने वाले आर्मेनियाई लोगों ने बगावत कर दी और आर्मेनिया के साथ मिलने का ऐलान कर दिया।
सोवियत संघ के बिखरने के बाद से आर्मेनिया आजाद हुआ तो काराबाख इलाके को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच चार दशकों तक संघर्ष और तनाव बना। दोनों के बीच युद्ध होना शुरु हुआ। जिसमें करीब 30 हजार लोगों की जान गई। मारे 10 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए। साल 1994 में दोनों पक्षों में युद्धविराम हुआ, तब तक आर्मेनियाई लोगों ने काराबाख इलाके पर कब्जा कर लिया था। कई दशकों तक दोनों पक्षों में मध्यस्थता की कोशिश हुई, लेकिन सब विफल साबित हुई। सितंबर 2020 में अजरबैजान ने फिर से काराबाख पर हमला किया , जिसमें तुर्किए ने उसका साथ दिया। करीब छह हफ्ते की लड़ाई के बाद अजरबैजान ने काराबाख पर कब्जा कर लिया और यहां रहने वाले आर्मेनियाई लोगों को यहां से भागना पड़ा।
आपको बता दें ट्रंप ने आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 'शांति संधि' पर हस्ताक्षर कराए। इस दौरान ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में, मेरी सर्वोच्च आकांक्षा दुनिया में शांति और स्थिरता लाना है। दोनों पूर्व सोवियत गणराज्य हमेशा के लिए लड़ाई बंद करने, वाणिज्य, यात्रा और राजनयिक संबंधों को खोलने, एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान का कहना है कि ट्रंप की मध्यस्थता के लिए मौजूदा यूएस राष्ट्रपति को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। आपको बता दें काराबाख क्षेत्र पर कब्जे को लेकर आर्मेनिया और अजरबैजान में चार दशकों से हिंसा जारी थी।
Created On :   9 Aug 2025 10:43 AM IST