Brics Summit 2025: ‘आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होना चाहिए, न कि...’, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में PM मोदी ने भारत को लेकर साफ किया रुख

‘आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होना चाहिए, न कि...’, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में PM मोदी ने भारत को लेकर साफ किया रुख
  • ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए पीएम मोदी
  • ब्रिक्स में पहलगाम आतंकी हमले की हुई निंदा
  • आतंकवाद को लेकर पीएम मोदी ने साफ किया रुख

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने शांति और सुरक्षा पर अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने कहा कि श्विक शांति और सुरक्षा केवल एक आदर्श नहीं है, बल्कि ये हम सभी के साझा हितों और भविष्य की बुनियाद है।

ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए पीएम मोदी

उन्होंने कहा, "एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में ही मानवता का विकास संभव है। इस उद्देश्य को पूरा करने में ब्रिक्स की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें एकजुट होकर, सामूहिक प्रयास करने होंगे। मिलकर आगे बढ़ना होगा।"

पीएम मोदी ने आतंकवाद पर वक्तव्य देते हुए कहा, "आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना किया। 22 अप्रैल को, पहलगाम में हुआ आतंकी हमला भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था। यह हमला केवल भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर आघात था। इस दुख की घड़ी में, जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, जिन्होंने समर्थन और संवेदना व्यक्त की, मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।"

उन्होंने कहा, "आतंकवाद की निंदा हमारा 'सिद्धांत' होना चाहिए, केवल 'सुविधा' नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।"

पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर कोई संकोच नहीं होना चाहिए। आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू में नहीं तौल सकते हैं। निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर सकते हैं तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ लडाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं?"

ब्रिक्स में पहलगाम आतंकी हमले की हुई निंदा

वहीं, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की गई है। इसके साथ संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई की भी मांग की गई। इसका सीधे तौर पर यह मतलब है कि ब्रिक्स ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। ब्रिक्स ने अपने संयुक्त बयान में कहा, "आतंकवाद के हर प्रारूप का खात्मे को हम दोहराते हैं, जिसमें आतंकियों का क्रॉस बॉर्डर मूवमेंट, आतंकियों को वित्तीय मदद और उनकी सुरक्षित जगह मुहैया कराना शामिल है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक आज विश्व विवादों और तनावों से घिरा हुआ है। गाजा में जो मानवीय स्थिति है, वह बड़ी चिंता का कारण है। भारत का अडिग विश्वास है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता की भलाई के लिए शांति का पथ ही एकमात्र विकल्प है।"

उन्होंने कहा, "भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है, जो विश्व को विभाजन और संघर्ष से बाहर निकालकर संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर अग्रसर करे, एकजुटता और विश्वास को बढ़ाए। इस दिशा में हम सभी मित्र देशों के साथ सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले साल भारत की अध्यक्षता में होने जा रही ब्रिक्स समिट के लिए आमंत्रण दिया। पीएम मोदी ने कहा, "मैं आप सभी को भारत की अध्यक्षता में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूं।"

Created On :   7 July 2025 1:00 AM IST

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