17 साल के बच्चे की मौत से सुलग रहे फ्रांस की आग बुझाए नहीं बुझ रही, बेअसर रही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की अपील, कैसे शांत होगी 'City Of Love'?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। फ्रांस में 17 साल के एक युवक नाहेल की मौत के बाद पिछले तीन दिनों से राजधानी पेरिस सहित पूरे देश में हिंसा की आग भड़की हुई है। फ्रांस में ऐसा दंगा पिछले एक दशक में नहीं हुआ है। देश में दहशत का माहौल है। प्रदर्शनकारी यहां पर खुलेआम अंधाधुंध फायरिंग कर रहे हैं। हालात बेकाबू हो चुके हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों के मन में पुलिस का खौफ नहीं है। अभी तक फ्रांस में प्रदर्शनकारियों द्वारा अरबों का नुकसान किया जा चुका है। प्रदर्शनकारी सबकुछ जलाने में लगे हुए हैं। ऐसा लगता है कि उनके हाथों से अब कोई भी चीज बच नहीं सकती है। प्रदर्शनकारी दुकानों के दरवाजों को तोड़ने के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दरवाजा टूटते ही भीड़ दुकान के अंदर जाकर लुटपाट मचाने लगती है।
हिंसा की वजह से पेरिस में ट्रांसपोर्ट ठप पड़ गया है। साथ ही हिंसा की आग में दर्जनों बसें तबाह हो चुकी हैं। प्रदर्शनकारियों के निशाने पर दुकान, दफ्तर, बैंक, शॉपिंग मॉल, लाइब्रेरी और स्कूल हैं। फ्रांस के पीएम ने देश के बिगड़ते हालात को देखते हुए मंत्रियों के साथ एक बैठक बुलाई थी। इसके बाद ऐलान हुआ कि स्थिति नियंत्रण में नहीं आती है तो देश में इमरजेंसी घोषित की जा सकती है। फ्रांस में तीसरे दिन 249 पुलिसकर्मी घायल हुए। वहां के सुरक्षाकर्मियों ने अभी तक 875 लोगों को गिरफ्तार किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने इस हिंसा के पीछे का जिम्मेदार सोशल मीडिया और बच्चों की खराब परवरिश को बताया है। फ्रांस के पूर्वी शहर स्ट्रासबर्ग में शुक्रवार को दिनदहाड़े प्रदर्शनकारियों ने लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। इस दौरान दंगाइयों ने एक एप्पल स्टोर और अन्य दुकानों को अपना शिकार बनाया।
दंगों की आग में जल रहा फ्रांस
विएक्स-पोर्ट जिला जो फ्रांस में पर्यटक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां पर युवाओं ने पुलिस वाहनों पर पथराव किए। इसके बाद शुक्रवार शाम को दक्षिणी शहर मार्सिले में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसूगैस के गोले दागे। पेरिस के कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने स्थिति को देखते हुए एक आपातकालीन बैठक बुलाई। इस दौरान राष्ट्रपति मैक्रो ने युवक की मौत की निंदा की। इसके अलावा प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने दुनिया के अलग-अलग देशों में अपने दौरे को रद्द कर दिया है। वे फ्रांस में हो रही हिंसा को ठीक करने में लगी हुई हैं। देश में कुछ मार्गों पर ड्राइवरों ने बसों और ट्रामों के रात 9 बजे के बाद चलाना बंद कर दिया गया है।
देश में क्यों भड़की हिंसा?
फ्रांस में हिंसा होने के पीछे की बड़ी वजह यह है कि मंगलवार को यहां पर राजधानी पेरिस से लगे नानटेरे में एक पुलिस ने 17 साल के एक लड़के को गोली मार दी। इसके बाद घटनास्थल पर ही युवक की मौत हो गई। इस मसले पर पुलिस का कहना है कि मरने वाला नौजवान कथित तौर पर गलत तरीके से गाड़ी चला रहा था। साथ ही लड़के के पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। इसके बाद युवक ने कार से भगाने की कोशिश की। जिसके बाद मजबूरी में पुलिस को गोली चलानी पड़ी। मरने वाला युवक अफ्रीकी मूल से था। लेकिन पुलिस की पोल तब खुली जब वहां पर मौजूद लोगों ने इस घटना का वीडियो वायरल कर दिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि दो पुलिस अफसर एक पीले रंग की कार को रोकते हैं। इसके बाद युवक और दोनों पुलिसकर्मियों के बीच बातचीत शुरू होती है। इस दौरान दोनों के बीच बहस होती है। इसके बाद ड्राइवर अचानक कार को तेजी से दौड़ना शुरू कर देता है कि तभी एक पुलिसकर्मी अचानक ड्राइवर के सिर पर गोली मार देता है और कार सामने वाली दीवार से टकरा जाती है।
पुलिस ने दावा किया कि घटनास्थल पर दम तोड़ने वाले युवक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और वह पुलिस से बचने के लिए अफसर को कार से कुचलने की कोशिश की। लेकिन घटना के वीडियो ने पुलिस की सारी पोल खोल दी। इसके बाद पूरे फ्रांस में हिंसा की आग भड़क उठी।
मृतक की मां ने की मांग
मृतक युवक नाहेल की मां मौनिया ने मीडिया को अपने पहले साक्षात्कार में कहा कि मैं देश की पुलिस को दोष नहीं देती हूं, मैं केवल एक व्यक्ति को दोषी ठहराती हूं। जिसने मेरे बेटे की जान ली है। नाहेल की मां ने 38 वर्षीय पुलिस अफसर पर आरोप लगया गया था। गुरुवार को आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। मौनिया ने कहा कि जिस पुलिस ने मेरे बेटे को गोली मारी, उसका चेहरा एक अरब लोगों ने देखा, एक छोटा बच्चा देखा जिसकी वह उसकी जान लेना चाहता था।
Created On :   1 July 2023 6:29 PM IST