Gaza Peace Deal Plan: गाजा शांति समझौता के लिए भारत को मिला न्योता, अमेरिका समेत 20 देश होंगे शामिल, ट्रंप-मोदी की हो सकती सीधी मुलाकात

डिजिटल डेस्क, काहिरा। इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से युद्ध चल रहा है। उनके बीच सीजफायर कराने के लिए फाइनल बैठक होने वाने जा रही है। इसलिए मिस्त्र के राष्ट्रपति फराह अल सिसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मीटिंग में शामिल होने का न्योता भेजा है। इसका आयोजन एक प्रसिद्ध रिसॉर्ट शहर में होगा, जो अंतर्राष्ट्रीय बैठकों के लिए जाना जाता है। इस कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनियाभर के 20 देशों के नेता शामिल हो रहे हैं।
भारत के लिए क्यों है जरूरी?
भारत हमेशा से शांति और संयम का समर्थन आया है। इसके अलावा भारत के इजरायल और फिलिस्तीन दोनों देशों से संबंध अच्छे रहे हैं। इसलिए भारत की तरफ से पहले ही तय है कि इस बैठक में विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह शामिल होंगे और वे देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि पीएम मोदी भी इस मीटिंग का हिस्सा होंगे।
क्या है गाजा समझौता?
इजरायल और हमास के मध्य गाजा में लंबे समय से संर्घष हो रहा था, जिसमें हजारों की संख्या में लोग मारे गए और भारी तबाही भी हुई हैं। इस पर विराम लगाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 20 सूत्रीय योजना की पेशकश की है। इसमें युद्धविराम, सेना की वापसी, बंधकों की रिहाई और स्थायी शांति जैसे कई मुद्दे शामिल किए गए हैं। ट्रंप के प्लान के मुताबिक, इजरायल और हमास दोनों की लड़ाई बंद करानी जरुरी है। इजरायल को गाजा पट्टी से अपने कुछ सैनिकों को वापस बुलाना होगा। साथ ही दोनों ओर के कैदियों और बंधकों को रिहा करना होगा। इसके अलावा वहां पर लंबे समय तक शांति बनाए रखना होगा।
हमास-इजरायल ने इस प्लान पर दी प्रतिक्रिया
हमास ने इस योजना को मानने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। उसके नेता ने इस प्लान को 'बेतुका' बताया है। उसका कहना है कि वह किसी हालत में अपने हथियार नहीं छोड़ेंगे और न ही गाजा छोड़कर भागने वाला है। हमास को इस समझौते में नुकसान दिखाई दे रहा है। वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू भी इस प्लान का पूरी तरह से समर्थत नहीं करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके लिए उनकी भी कुछ शर्तें है और मानना है कि हमास पूरी तरह से गाजा छोड़ दें।
Created On :   12 Oct 2025 3:11 PM IST