Israel-Iran Tension: इजराइल के हमलों से दहले ईरान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स, भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार

इजराइल के हमलों से दहले ईरान में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स, भारत सरकार से लगाई मदद की गुहार
  • ईरान और इजराइल में जारी है तनाव
  • ईरान में हमलों से कहर बरपा रहा इजराइल
  • भारत सरकार ने ईरान में फंसे छात्रों ने लगाई मदद की गुहार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान और इजराइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इजराइल लगातार अपने हमलों से ईरान पर कहर बरपा रहा है। इस बीच ईरान में रह रहे सैकड़ों भारतीय मेडिकल स्टूडेंट्स ऑपार्टमेंट के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। दिन-रात गोलियों और बम धमाकों की गूंज और इंटरनेट की धीमी रफ्तार के बीच स्टूडेंट्स सहमे हुए हैं। इन हालातों के बीच भारतीय छात्रों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

ईरान में हमलों से दहले भारतीय छात्र

तेहरान की शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले इम्तिसाल मोहिदीन एमबीबीएस के तीसरे वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं शुक्रवार को रात 2:30 बजे तेज धमाकों की आवाज से जाग गया। घबराकर बेसमेंट में भागा। तब से लेकर अब तक चैन की नींद नहीं सो पाया।" उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के आसपास धमाके हो रहे हैं और एक विस्फोट तो मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर हुआ।

मालूम हो कि, शाहिद बेहेश्ती यूनिवर्सिटी में 350 से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि, ईरान-इजराइल तनाव के चलते यहां के छात्र काफी ज्यादा सहम गए हैं। हमलों को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने सभी कक्षाएं स्थागित कर दी हैं। यूनिवर्सिटी ने छात्रों को बाहर न जाने के सख्त आदेश दिए हुए हैं। इम्तिसाल ने बताया, "हम अब पूरे दिन अपार्टमेंट के बेसमेंट में छिपे रहते हैं। रातभर बमबारी की आवाजें आती हैं। हमने तीन दिन से आंख नहीं बंद की।"

ईरान में तेज होते हमलों को देखते हुए तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने एक सार्वजनिक सलाह जारी की है। इसमें सभी भारतीय नागिरकों और भारतवंशियों से घरों के अंदर रहने और दूतावास द्वारा दिए गए टेलीग्रम लिंक से जुड़ने के लिए कहा गया है। दूतावास ने कहा कि यह लिंक केवल उन्हीं लोगों के लिए है, जो वर्तमान में ईरान में हैं. दूतावास ने एक पोस्ट में कहा, "हम अनुरोध करते हैं कि सभी भारतीय नागरिक दिए गए टेलीग्राम लिंक से जुड़े ताकि उन्हें स्थिति से संबंधित ताजा अपडेट मिलते रहें।" इसके अलावा दूतावास ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

छात्रों का छलका दर्द

छात्रों का कहना है कि डर का माहौल इतना गहरा है कि केवल सलाह और मैसेज से राहत नहीं मिल रही। इम्तिसाल मोहिदीन ने भावुक होकर कहा, "हम भारत सरकार से हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं कि हमें जल्द से जल्द यहां से सुरक्षित निकाला जाए। इससे पहले कि हालात और बिगड़ें।"

इस बीच तेहरान से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर किरमान शहर में पढ़ रहे MBBS प्रथम वर्ष के छात्र फैज़ान नबी ने भी ANI से बातचीत की है। फैजान नबी किरमान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज़ में पढ़ाई कर रहे हैं। वह श्रीनगर के रहने वाले हैं। फैज़ान ने कहा, "हमारे शहर में आज गोलीबारी की आवाजें सुनी गई। तेहरान में रह रहे मेरे दोस्त बेहद डरे हुए हैं। दहशत इतनी है कि हमें पीने का पानी 3-4 दिनों के लिए स्टोर करने को कहा गया है। हर दिन डर के साए में बीत रहा है।" उन्होंने आगे कहा, "मेरे माता-पिता दिन में 10 बार कॉल करते हैं। इंटरनेट इतना कमजोर है कि मैं ठीक से मैसेज तक नहीं भेज पाता। हम यहां डॉक्टर बनने आए थे, लेकिन अब हालत ऐसी हो गई है कि बस जिंदा घर लौटने की उम्मीद कर रहे हैं।"

इसके अलावा ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज में जम्मू-कश्मीर के सोपोर की रहने वाली मिधात चौथे वर्ष की छात्रा हैं। उन्होंने बताया कि जब पहला हमला हुआ तो वह रात सबसे डरावनी थी। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, "धमाकों की आवाजें इतनी पास से आईं कि लगा जैसे सब कुछ यहीं हो रहा हो। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। सब घबराए हुए थे। हम लगातार अपने परिवार से संपर्क में रहने की कोशिश कर रहे हैं और हर एक खबर पर नजर बनाए हुए हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से ज्यादा सहयोग नहीं मिला है। भारतीय दूतावास व्हाट्सएप के ज़रिए लगातार संपर्क में है, लेकिन हमने यूनिवर्सिटी से मदद की उम्मीद छोड़ दी है। हममें से ज्यादातर छात्र अब केवल अपार्टमेंट में बंद होकर दिन काट रहे हैं। डर इतना है कि बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती। ईरान के सीमित हवाई क्षेत्र और लगातार जारी बमबारी के कारण छात्रों को यह नहीं पता कि हालात कब सामान्य होंगे। वे अब सिर्फ भारत लौटने की उम्मीद लगाए हुए हैं।

Created On :   16 Jun 2025 5:45 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story