बवाल के बाद तख्तापलट: नेपाल में प्रदर्शनकारियों की मांग, जिनसे स्थापित हो शांति

नेपाल में प्रदर्शनकारियों की मांग, जिनसे स्थापित हो शांति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में भारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के सामने प्रधानमंत्री केपी शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार ने घुटने टेक दिए। प्रदर्शनकारियों के सामने ओली सरकार को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शन कारियों की कई राजनीतिक और सामाजिक मांगें है, इनमें सामाजिक अन्याय को दूर, आर्थिक असमानता,शासन में व्यापक सुधार, पिछले तीन दशकों में राजनेताओं की ओर से लूटी गई संपत्तियों की जांच, घूसखोरी और रिश्वतखोरी की जांच शामिल है।

प्रदर्शनकारियों का साफ कहना है कि 'यह आंदोलन किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि जातीय असमानता, आर्थिक असमानता और सत्ता से दूर एक पूरी पीढ़ी और देश के भविष्य के लिए है। नेपाल में शांति जरूरी है, लेकिन यह एक नई राजनीतिक व्यवस्था की नींव पर ही संभव है। विरोध करने वाले प्रदर्शन कारी जन जेड समूह ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति और नेपाली सेना उनके प्रस्तावों को सकारात्मक रूप से लागू करेंगे।

प्रदर्शन में जान गंवाने वाले सभी लोगों को आधिकारिक तौर पर शहीदों का दर्जा दिए जाने , साथ ही उनके परिवारों को राजकीय सम्मान, सम्मान और राहत दी जाएगी। विरोध प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी से निपटने, पलायन पर रोक लगाने और सामाजिक अन्याय को दूर करने के लिए विशेष कार्यक्रमों का भी वादा किया है। नेपाल में इस विरोध को एक जनरल जेड क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है। ताकि शांति के टापू में फिर से शांति कायम की जाए।

Created On :   10 Sept 2025 3:26 PM IST

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