Coronavirus: स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों पर कितनी तेजी से हमला करता है वायरस, पहली बार 3D वीडियो में आया सामने

Coronavirus: स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों पर कितनी तेजी से हमला करता है वायरस, पहली बार 3D वीडियो में आया सामने

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका के जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की ओर से कोरोनावायरस के 59 वर्षीय संक्रमित मरीज के फेफड़ों की एक 3 डी मेडिकल इमेजिंग रिलीज की गई है। इससे पता चलता है कि नोवल कोरोनावायरस कितना खतरनाक है और कितनी तेजी से ये स्वस्थ व्यक्ति के फेफड़ों में फैल जाता है। हॉस्पिटल ने कोरोनावायरस रोगी के फेफड़ों का 3 D व्यू  बनाने के लिए सीटी स्कैन से इमेजेज का इस्तेमाल किया है। आमतौर पर कैंसर स्क्रीनिंग के लिए या सर्जरी के प्लान के लिए इसका इस्तेमाल होता है।

वायरस की स्टडी के लिए इमेजरी का पहली बार इस्तेमाल
नोवल कोरोनवायरस की स्टडी करने के लिए जिस इमेजरी का पहली बार इस्तेमाल किया गया है, उसमें पता चलता है कि इस वायरस से फेफड़ों को कितना ज्यादा नुकसान हुआ है। जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में थोरेकिक सर्जरी के प्रमुख डॉ. कीथ मोर्टमैन ने कहा कि संक्रमण के चलते फेफड़ों को तेजी से हुए नुकसान के बाद वाशिंगटन के मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रखा गया। डॉ. मोर्टमैन ने कहा, "एक बार इस हद तक फेफड़े के क्षतिग्रस्त होने पर, इसे ठीक होने में लंबा समय लग सकता है।"

रेस्पिरेटरी सिस्टम पर वायरस करता है हमला
स्कैन से पता चलता है कि नुकसान फेफड़े के किसी एक हिस्से तक ही सीमित नहीं रहता। यह तेजी से दोनों फेफड़ों में फैल जाता है। यहां तक की युवा लोगों में भी। कोरोनावायरस मुख्य रूप से मनुष्यों में रेस्पिरेटरी सिस्टम पर हमला करता है और गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण पैदा करता है। हालांकि, ज्यादातर मामले गंभीर नहीं होते। जब तक यह वायरस नाक और गले में रहता है तो आपको कफ और खांसी जैसी समस्या होती है। खतरe तब शुरू होता है जब यह फेफड़ों तक पहुंच जाता है।

मरीज का सांस लेना हो जाता है मुश्किल
जब वायरस डीपर टिशूज को संक्रमित करता है, तो कोरोनावायरस संक्रमित मरीज का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे मामलों में, रोगियों को वेंटिलेटर में रखा जाना चाहिए, जो एक मरीज को सांस लेने में मदद करता है जब वे अपने दम पर ऐसा करने में असमर्थ होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सात में से एक मरीज को सांस लेने में कठिनाई और अन्य गंभीर कॉम्प्लिकेशन देखे जाते हैं। 

Created On :   1 April 2020 9:58 AM GMT

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