अमेरिका के बाद ब्रिटेन व ड्रैगन के बीच बढ़ सकता है आपसी तनाव, जानें बड़ी वजह

After American, mutual tension between Britain and Dragon may increase, know the big reason
अमेरिका के बाद ब्रिटेन व ड्रैगन के बीच बढ़ सकता है आपसी तनाव, जानें बड़ी वजह
ब्रिटेन व चीन आमने-सामने! अमेरिका के बाद ब्रिटेन व ड्रैगन के बीच बढ़ सकता है आपसी तनाव, जानें बड़ी वजह
हाईलाइट
  • ब्रिटेन बढ़ा सकता है चीन की मुश्किलें

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। कुछ महीने पहले ही अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था, जिसके बाद चीन ने धमकियां दे डाली थी और कहा था कि ताइवान मसले पर किसी बाहरी देश की दखंलदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब ब्रिटेन की संसदीय समिति ने अगले हफ्ते ताइवान का दौरा करने का फैसला लिया है। ब्रिटेन के इस फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि चीन इसको लेकर विरोध करेगा। फिर अमेरिका के बाद चीन व ब्रिटेन की रार ठन सकती है। गौरतलब है कि चीन हमेशा दावा करता रहा है कि ताइवान चीन का ही हिस्सा है, जबकि ताइवान अपने को स्वतंत्र देश मानता रहा है। इसी को लेकर चीन व ताइवान के बीच हमेशा तनातनी रहती है। ताइवान से जिन देशों की नजदीकी रहती है, चीन से उसका छत्तीस का आंकड़ा रहता है।

चीन व ब्रिटेन के बीच बढ़ सकती है तल्खी

ब्रिटेन संसदीय समिति की ओर से मंगलवार को बताया गया कि इस दौरे में उनकी मुलाकात ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग-वेन से मुलाकात होगी। इसके साथ ताइवान के वरिष्ठ नेताओं के साथ भी मीटिंग होगी। ऐसे में ये तय माना जा रहा है कि ब्रिटेन के इस दौरे का चीन विरोध करेगा और आपसी तल्खी बढ़ने की संभावना है। चीन हमेशा से ताइवान को अपना अंग मानता रहा है, ऐसे में किसी भी देश की यात्रा को लेकर ऐतराज जताया करता है। उधर, ब्रिटिश संसदीय समिति की चेयरमैन एलिसिया कीयर्न्स ने बताया है कि विदेश मामलों की समिति लंबे समय से ताइवान यात्रा की योजना बना रही थी।

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में लोकतांत्रिक देशों के सामने सुरक्षा और समृद्धि को लेकर चुनौतियां सामने आ रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ब्रिटेन और ताइवान के बीच अच्छे रिश्ते हैं और हम इन्हें और ज्यादा मजबूत व रचनात्मक बनाना चाहते हैं। लेकिन ब्रिटेन के इस नजदीकी को चीन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा क्योंकि चीन हमेशा उस देश का विरोध करता है, जिसने ताइवान से नजदीकी बढ़ाई है। 

अमेरिकी स्पीकर के दौरा पर बौखलाया था चीन

अगस्त महीने में अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के दौरे को लेकर चीन बिलबिला उठा था। दोनों देशों के आमने-सामने आ गए थे। अमेरिका ने नैन्सी पेलोसी के दौरे से पहले ही अलर्ट कर दिया था। इस तनातनी की वजह से नौसेना ने ताइवान की सीमा के पास बड़ी संख्या में एयरक्राफ्ट कैरियर और विशाल प्लेन तैयार कर दिए थे। इसके अलावा नैन्सी पेलोसी का विमान जब ताइवान की ओर बढ़ रहा था तो उस वक्त 24 लड़ाकू विमान उनके सुरक्षा घेरे में थे।

इसके पीछे की वजह यह थी कि चीन की धमकी की वजह से पेलोसी की सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया था क्योंकि आशंका जताई जा रही थी कि चीन उकसावे की कार्रवाई कर सकता है। हालांकि, चीन केवल गीदड़ भभकियां देता रहा। चीन हमेशा वन चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अलग देश नहीं मानता है। वह उन देशों का हमेशा विरोध करता रहा है, जो ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र मानते हुए उससे रिश्ते रखते हैं।
 

Created On :   29 Nov 2022 3:01 PM GMT

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