- कृषि कानूनों पर किसानों का 58वें दिन भी प्रदर्शन जारी है, ऐसे में किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को पूरे देश में मनाई जाएगी।
- सेंसेक्स 250 अंकों से ज्यादा फिसला, निफ्टी 60 अंक नीचे
- नर्मदा नदी में गंदे पानी और मैला का मिलना चिंताजनक : केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल
- यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा का ऐलान, 3 फरवरी से होंगे इम्तिहान
J&K: UNSC में चीन ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, क्लोज डोर मीटिंग में चर्चा की मांग
हाईलाइट
- चीन ने UNSC की क्लोज डोर मीटिंग में कश्मीर मुद्दे को उठाने का नए सिरे से प्रयास किया
- चीन की ये कोशिश पिछली बार की तरह ही नाकाम होती दिख रही हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की क्लोज डोर मीटिंग में कश्मीर मुद्दे को उठाने का नए सिरे से प्रयास किया। हालांकि, चीन की ये कोशिश पिछली बार की तरह ही नाकाम होती दिख रही हैं क्योंकि सुरक्षा परिषद के बाकी सभी सदस्य इसका विरोध कर सकते हैं। पिछले साल चीन की पहल पर कश्मीर मुद्दे पर सुरक्षा परिषद की 'क्लोज डोर मीटिंग' हुई थी जिसमें वह अलग-थलग पड़ गया था।
एनी अदर बिजनेस के तहत उठाया कश्मीर का मुद्दा
एक अफ्रीकी देश से संबंधित मुद्दे पर चर्चा करने के लिए UNSC की यह मीटिंग बुलाई गई है। चीन ने इस मीटिंग में 'एनी अदर बिजनेस' के एजेंडे के तहत कश्मीर मुद्दे पर विचार-विमर्श करने का अनुरोध किया। सूत्रों के मुताबिक यूएनएससी में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए चीन की मांग को स्वीकार कर लिया गया है। 15 सदस्यीय एक टीम न्यूयॉर्क में भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 30 मिनट पर बैठक करेगी। इस मीटिंग में कश्मीर में लागू पाबंदियों के साथ-साथ राजनेताओं की गिरफ्तारी का मुद्दा भी उठाया जाएगा।
पांच देश UNSC के स्थाई सदस्य
UNSC में 5 स्थाई सदस्य देश हैं, जबकि 10 निर्वाचित सदस्यों का निश्चित कार्यकाल होता है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन इसके स्थाई सदस्य हैं। ज्यादातर देश कश्मीर पर चर्चा के पक्षधर नहीं हैं। पिछली बार भी फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस ने भारत का समर्थन किया था। फ्रांसीसी राजनयिक के एक सूत्र ने बताया कि कश्मीर मुद्दे पर फ्रांस का मानना है कि इसे द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाया जाना चाहिए।
370 हटाने से बौखलाया पाकिस्तान
बता दें कि 5 अगस्त को भारत ने अनुच्छेद 370 को खत्म करते हुए जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को खत्म कर दिया था। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने इस मामले को लेकर कहा था कि वह हर प्लैटफॉर्म पर कश्मीर मुद्दा उठाएगा। चीन भी इसमें पाकिस्तान का साथ दे रहा है। हालांकि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा था कि यह उसका आंतरिक मामला है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।