चीन का पहला गायब होने वाला रेगिस्तान
- 17 जून 2022 को 28वां विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। 19 दिसंबर 1994 को 49वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नंबर 49/115 प्रस्ताव पारित किया, जिसमें 1995 से 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के रूप में नामित किया गया। इसका उद्देश्य मरुस्थलीकरण की रोकथाम के महत्व के प्रति दुनिया भर के लोगों की जागरूकता को उन्नत करना और मरुस्थलीकरण की रोकथाम के प्रति लोगों की जिम्मेदारी भावना और तात्कालिकता भावना को जगाना है। 17 जून 2022 को 28वां विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस है और इस वर्ष की थीम एक साथ सूखे से ऊपर उठें हैं।
मानव समाज के तेज विकास के साथ साथ औद्योगिक स्तर में काफी सुधार हुआ। लेकिन वैश्विक पर्यावरण बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप ग्लोबल वामिर्ंग की समस्या बढ़ रही है। जलवायु परिववर्तन पर दुनिया के सभी देश बहुत चिंतित हैं। 2022 की शुरूआत में अमेरिका में अत्यधिक बर्फीला तूफान, टोंगा में ज्वालामुखी विस्फोट जैसे चरम मौसम और आपदाओं की लगातार घटना ने दुनिया भर के लोगों में चिंता पैदा कर दी है। और इसे पृथ्वी से मनुष्यों के लिए एक मजबूत चेतावनी का संकेत कहा जा सकता है। पर्यावरण और जलवायु के मुद्दों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
स्वच्छ जल और हरित पर्वत सोना और चांदी जैसी मूल्यवान संपत्ति है के सिद्धांतिक मार्गदर्शन में चीन पर्यावरण शासन में अपनी गति को तेज कर रहा है। गौरतलब है कि अब मरुस्थलीकरण चीन में सबसे हानिकारक पर्यावरणीय समस्या है। वह न केवल कई क्षेत्रों के आर्थिक विकास को प्रभावित करता है, बल्कि लोगों के जीवन को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है। हालांकि, हाल के वर्षों में कई वैज्ञानिक शोधकर्ताओं और जमीनी स्तर के कर्मियों के प्रयास से चीन का पहला गायब होने वाला रेगिस्तान नजर आया। वह चीन की चार प्रमुख रेतीली भूमि में से एक के रूप में म्यू अस डेजर्ट है। वह चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के ऑडरेस शहर और शानक्सी प्रांत के यूलिन क्षेत्र के बीच स्थित है। उस का क्षेत्रफल 42.2 हजार वर्ग किलोमीटर है।
1959 के बाद से चीनी लोगों ने जोरदार तरीके से पवनरोधी वनों का निर्माण करते हुए रेगिस्तान के निपटारे के लिए बड़ी परियोजना को अंजाम दिया। 21वीं सदी की शुरूआत में म्यू अस डेजर्ट के 80 प्रतिशत हिस्से का सुधार किया गया। पीली नदी के वार्षिक तलछट भार 40 करोड़ टन कम हो गया। अच्छी वर्षा के कारण, कई रेतीले क्षेत्र अब वुडलैंड, घास के मैदान और कृषि योग्य भूमि बन गये। साथ ही, म्यू अस डेजर्ट के शासन को दुनिया की प्रशंसा भी मिली और इसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक रेगिस्तान शासन का मानक कहा गया है। बहुत से लोग नहीं जानते कि म्यू अस डेजर्ट का शासन चीन की रेगिस्तान शासन टीम द्वारा हाल के दशकों में प्राप्त परिणाम है और इसे देश द्वारा आने वाली पीढ़ियों के लिए छोड़ा गया उपहार भी कहा जा सकता है। 22 अप्रैल 2020 को शानक्सी प्रांत के वानिकी ब्यूरो ने घोषणा की कि यूलिन की मरुस्थलीकरण शासन दर 93.24 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिसका अर्थ है कि म्यू अस डेजर्ट चीन की भूमि से गायब होने वाला है।
संबंधित विश्लेषकों का कहना है म्यू अस डेजर्ट के शासन में प्राप्त उल्लखनीय उपलब्धियों ने दुनिया के सभी देशों के लिए आशा की किरण जगाई है। विश्वास है कि रेगिस्तान शासन टीम के निरंतर प्रयासों से यह हरित क्षेत्र आगे भी फैलता रहेगा और मरुस्थलीय क्षेत्र छोटा होता जाएगा। इसके अलावा, नखलिस्तान के निरंतर उभरने से पृथ्वी के पारिस्थितिक पर्यावरण पर बोझ कम होगा। शायद और कुछ समय बाद रेगिस्तान रेगिस्तान नहीं रहेगा और मनुष्यों के लिए उपयोग योग्य भूमि बन जाएगा।
सोर्स- आईएएनएस
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Created On :   15 Jun 2022 7:00 PM IST