शहबाज शरीफ से गठबंधन सहयोगी नाखुश, बलूचिस्तान में सैन्य अभियान पर उठाए सवाल
- सुरक्षाबलों को इतनी ताकत क्यों ?
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली नवगठित गठबंधन सरकार को उस समय झटका लगा, जब बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी-एम) के सदस्यों ने चगई में प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी को लेकर नेशनल असेंबली की कार्यवाही का बहिष्कार किया। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर बलूचिस्तान में सैन्य अभियान जारी रहता है तो पार्टी के लिए सरकार का हिस्सा बनना मुश्किल होगा।
सोमवार को बीएनपी-एम के आगा हसन बलूच ने यह मुद्दा उठाया। पिछले हफ्ते सरकार बनाने के बाद, पीएमएल-एन के नेता ख्वाजा आसिफ ने देश में जल्द चुनाव का सुझाव दिया। उनके अनुसार, यह देश को रक्तपात और संभावित गृहयुद्ध से बचाने का एकमात्र तरीका है।
हसन बलूच ने सोमवार को संसद में कहा, 16 अप्रैल को, चगई में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई जब सुरक्षा बलों ने निहत्थे और उत्पीड़ित बलूच लोगों पर गोलियां चलाईं जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हमेशा की तरह, पिछले रवैये को नहीं छोड़ा गया है। आज (सोमवार) फिर से, शांतिपूर्ण निर्दोष बलूच प्रदर्शनकारियों को गोली मार दी गई। बीएनपी-एम सदस्य ने खेद व्यक्त किया कि बलूच लोग 1947 से न्यायेतर हत्याओं का शिकार हुए हैं और आज भी ऐसा हो रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा, इस समय देश में सबसे सस्ती चीज बलूच लोगों का खून है। बलूच नेता ने सदन छोड़कर जाने से पहले कहा, सुरक्षाबलों को इतनी ताकत क्यों दी गई है। हम इसकी निंदा करते हैं। हम इन परिस्थितियों में कैसे सरकार के साथ रह सकते हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   19 April 2022 1:30 PM IST