रोहिंग्याओं के स्थानांतरण के प्रयास की गलत व्याख्या न करें : बांग्लादेश मंत्रालय
- रोहिंग्याओं के स्थानांतरण के प्रयास की गलत व्याख्या न करें : बांग्लादेश मंत्रालय
ढाका, 5 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश के 1,642 रोहिंग्या मुसलमान नोआखली के हटिया उपजिला के अंतर्गत आने वाले एक द्वीप भषन चार में बस रहे हैं, जो अब उनका नया घर है। रोहिंग्या संकट से निपटने के लिए बांग्लादेश में इसे एक मील का पत्थर कहा जा सकता है।
शुक्रवार को 5 नेवी और एक सेना के जहाज समेत 19 जहाजों के जरिए चटगांव से रोहिंग्याओं को स्थानांतरित कर दिया गया। इस दौरान बांग्लादेश की नौसेना रोहिंग्याओं को ले जाने वाले जहाजों की सुरक्षा प्रभारी थी।
एक प्रेस नोट में बांग्लादेश सरकार ने सभी को अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए कहा है, ताकि रोहिंग्याओं के जीवन और आजीविका में सुधार लाने के इस शानदार प्रयास की गलत व्याख्या न की जाए। यहां आए रोहिंग्या अपने नए घर को पाकर खुश हैं। सरकार ने पहले चरण में शिविरों से द्वीप तक लगभग 2,500 लोगों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई थी, लेकिन अज्ञात कारणों से यह नहीं हो सका।
यहां पहुंचने से पहले लगभग एक दर्जन रोहिंग्याओं ने कहा कि वे द्वीप के बारे में जानकारी लेने के बाद स्वेच्छा से भषन चार जा रहे हैं। रोहिंग्या महिला अमीना बेगम ने कहा, कॉक्स बाजार में शिविरों में बिगड़ते हालातों ने उन्हें हमें भषन चार ले जाने के लिए प्रेरित किया।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि सरकार ने कॉक्स बाजार शिविरों में अत्यधिक भीड़ बढ़ने और अन्य अनुचित घटनाओं के कारण मौत के जोखिम को रोकने के लिए रोहिंग्याओं को स्थानांतरित करने का फैसला किया है। इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने 13,000 एकड़ जमीन पर आवास परियोजना को विकसित करने के लिए 35 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। मसलन- साल भर ताजे पानी की आपूर्ति, निर्बाध बिजली की आपूर्ति, खेती के लिए जगह, चक्रवात आने पर बचने के लिए आश्रय, दो अस्पताल, चार सामुदायिक क्लीनिक, मस्जिद, गोदाम, दूरसंचार सेवाएं, पुलिस स्टेशन, मनोरंजन और शिक्षण केंद्र, खेल के मैदान आदि।
भषन चार में बने घर इतने मजबूत हैं कि चक्रवात, ज्वार की लहरों और सुपर-साइक्लोन अम्फान जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर सकते हैं। इसके अलावा यहां रोहिंग्याओं के लिए कोविड-19 परीक्षण की पर्याप्त सुविधाएं और उपचार सुविधाएं भी दी हैं।
बता दें कि बांग्लादेश की सरकारी एजेंसियों के अलावा, लगभग 22 गैर सरकारी संगठन पहले से ही रोहिंग्याओं को स्थानांतरित करने के लिए हर संभव समर्थन देने के लिए काम कर रहे हैं। कई गैर-सरकारी संगठनों और पत्रकारों ने भी द्वीप का दौरा किया, उन सभी ने इसे लेकर संतोष व्यक्त किया है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह स्थानांतरण संयुक्त राष्ट्र के साथ कई दौर की चर्चाओं के बाद किया गया।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा था, हम आशा करते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र, अपने नियमों के मुताबिक बहुत जल्द इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
बता दें कि अगस्त 2017 में म्यांमार में सेना की कार्रवाई के बाद भागे 750,000 रोहिंग्याओं ने बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में टेकनाफ सीमा पर शरण ली थी। वे उन 3 लाख रोहिंग्याओं के पास आकर मिल गए जो दशकों पहले रखाइन राज्य में हुई हिंसा के बाद से बाजार में रह रहे थे। इसके बाद कॉक्स बाजार में 11 लाख से अधिक शरणार्थी रह रहे हैं।
बांग्लादेश के नौसैनिक प्राधिकरण ने कॉक्स बाजार के शिविरों में भीड़ को कम करने के लिए भाशन चार में टीके3 नाम से 100 करोड़ की आवासीय परियोजना तैयार की है।
एसडीजे/वीएवी
Created On :   5 Dec 2020 10:00 AM IST