Expansionist China: विस्तारवादी चीन की नजर अब ताजिकिस्तान पर, पामीर पहाड़ों पर जताया अपना हक

Expansionist China eyes Tajik territory
Expansionist China: विस्तारवादी चीन की नजर अब ताजिकिस्तान पर, पामीर पहाड़ों पर जताया अपना हक
Expansionist China: विस्तारवादी चीन की नजर अब ताजिकिस्तान पर, पामीर पहाड़ों पर जताया अपना हक

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन के विस्तारवाद को नए क्षेत्र और नए देश मिल रहे हैं। अब चीन की नजर छोटे और गरीब मध्य एशियाई देशों में से एक, ताजिकिस्तान पर है। चीनी आधिकारिक मीडिया ने कहा कि पामीर पहाड़ों को चीन को सौंप दिया जाना चाहिए। चीन और तजिकिस्‍तान ने वर्ष 2010 में एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किया था। इसके तहत उसे पामीर इलाके का 1158 किलोमीटर इलाका उसे मजबूरन देना पड़ा था।

खोई हुई जमीन को वापस लेना पहला टास्क
एक चीनी इतिहासकार चो याओ लू ने अपने लेख, चीनी स्रोतों के हवाले से कहा कि पूरा पामीर क्षेत्र चीन का था और उसे वापस कर दिया जाना चाहिए। चीनी इतिहासकार ने कहा कि 1911 में नया चाइनीज स्टेट बनेने के बाद सबसे पहला टास्क अपनी खोई हुई जमीन को वापस लेना है। कुछ जमीनें हमें वापस मिल गई हैं और कुछ अभी भी पड़ोसी देशों के कब्‍जे में है। इनमें से एक प्राचीन इलाका पामीर का है जो 128 साल से विश्‍वशक्तियों के दबाव के कारण हमसे अलग है।

क्या चीन की चाल में फंसा ताजिकिस्तान?
इसके अलावा, चीनी सरकार ताजिकिस्तान में सोने के भंडार के बारे में बात कर रही है। चीनी रिपोर्टों का कहना है कि अकेले ताजिकिस्तान में 145 सोने के भंडार हैं। ताजिक सरकार ने एक चीनी कंपनी को उत्तरी ताजिकिस्तान के क्षेत्रों से इन सोने के भंडार को खनन और विकसित करने की अनुमति दी है। इन घटनाक्रमों की निगरानी करने वाले अधिकारियों का कहना है कि यह एक क्लासिक चाइनीज मैनोवर है, जहां सड़क या हवाई अड्डे या विकास परियोजना का उपयोग देश में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए एक कील के पतले सिरे के रूप में किया जाता है।

Created On :   7 Aug 2020 9:10 AM GMT

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