पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और एनएसए किसिंजर की भारतीयों को लेकर घृणित सोच

Former US President Nixon and NSA Kissingers disgusting thinking about Indians
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और एनएसए किसिंजर की भारतीयों को लेकर घृणित सोच
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और एनएसए किसिंजर की भारतीयों को लेकर घृणित सोच
हाईलाइट
  • पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और एनएसए किसिंजर की भारतीयों को लेकर घृणित सोच

न्यूयॉर्क, 4 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) हेनरी किसिंजर तीन जून, 1971 को लाखों बंगाली शरणार्थियों को पनाह देने के लिए भारत और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से निरंकुश (वाइल्ड) थे। उस समय हेनरी और अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने बंगाली विद्रोह के शरणार्थी प्रवाह के लिए इंदिरा को दोषी माना। किसिंजर ने उनके बारे में कहा, वे मैला ढोने वाले लोग हैं।

किसिंजर के लिए यह माना जाता है कि वह पाकिस्तान के लिए दयालु और सौम्य थे। एक बार 10 अगस्त 1971 को पाकिस्तान में चल रही उठा-पटक और बंगाली शरणार्थियों के मुद्दे पर निक्सन के साथ चर्चा के दौरान किसिंजर ने कहा, मैं आपको बता दूं कि पाकिस्तानी ठीक लोग हैं, लेकिन उनकी मानसिक संरचना असभ्य (आदिम) है।

17 जून, 1971 को निक्सन और किसिंजर ने इंदिरा गांधी के साथ एक हारी लड़ाई के तौर पर भारतीय महिलाओं के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रिंसटन प्रोफेसर ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस और लेखक गैरी जे. बास द्वारा रिपोर्ट की गई टेप से पता चला है कि भारतीय महिलाओं के लिए सेक्सलेस शब्द का इस्तेमाल किया गया था।

टेप में बास बताते हैं कि भारत में राजदूत केनेथ बी. कीटिंग को बास्टर्ड के रूप में संदर्भित किया गया।

यह समझा जा सकता है कि किसिंजर भारत के बारे में अच्छी राय नहीं रखते थे। क्योंकि उन्होंने निक्सन से कहा था कि भारतीय लोग बड़े ही चापलूस किस्म के होते हैं और वे चाटुकारिता में मास्टर होते हैं। उन्होंने इसका कारण भी गिनवाते हुए कहा कि यही वजह है कि भारतीय बुरे वक्त में भी 600 वर्षो तक जीवित बचे रहे।

किसिंजर ने आगे कहा, वह अधिकतर सेक्सलेस है और इन लोगों में कुछ नहीं है। मेरा मतलब है, लोग कहते हैं, काले अफ्रीकियों के बारे में क्या? अच्छा, आप कुछ देख सकते हैं, जैसे उत्साह। मेरा मतलब है कि उनमें एक छोटे से जानवर की तरह आकर्षण है। मगर हे भगवान., वो भारतीय, वो दयनीय हैं।

चार नवंबर, 1971 को इंदिरा गांधी के साथ एक व्हाइट हाउस शिखर सम्मेलन से एक निजी ब्रेक के दौरान निक्सन ने किसिंजर से भारतीयों के प्रति उनके यौन घृणा का खुलासा किया। उन्होंने कहा, टू मी, दे टर्न मी ऑफ। यानी निक्सन का कहना था कि भारतीयों में सेक्स की इच्छा की कमी होती है। निक्सन यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने किसिंजर से पूछा कि मुझे बताओ कि वह दूसरे व्यक्ति को इसके लिए (सेक्स) कैसे राजी करते होंगे।

जून 1971 में निक्सन, किसिंजर और व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ एच. आर. हेडलमैन के बीच बातचीत में भी भारतीयों के प्रति निक्सन की मानसिकता का पता चलता है। उन्होंने बातचीत के दौरान कथित तौर पर कहा, निसंदेह दुनिया में सबसे बदसूरत महिलाएं भारतीय महिलाएं हैं।

एकेके/एएनएम

Created On :   4 Sept 2020 8:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story