आतंक और ट्रेड वार पर पलटवार: संयुक्त राष्ट्र महासभा विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा- भारत का एक पड़ोसी देश वैश्विक आतंकवाद का केंद्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में संबोधन दिया। जयशंकर ने भारत की जनता का नमस्कार' से अपना संबोधन शुरू किया। जयशंकर ने कहा है कि भारत के पास एक ऐसा पड़ोसी देश है जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। आजादी के बाद से ही भारत ने आतंकवाद की चुनौती का सामना किया है। उन्होंने ‘आत्मनिर्भरता’, ‘आत्मरक्षा’ और ‘आत्मविश्वास’ की तीन प्रमुख अवधारणाओं पर जोर दिया जो समकालीन दुनिया में भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट करती हैं।
डॉ. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए बार बार इस बात पर ज़ोर दिया कि दशकों से दुनिया में हुए बड़े आतंकवादी हमलों की जड़ें उसी एक देश से जुड़ी रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में उसके नागरिक भी शामिल हैं। विदेश मंत्री ने अपने संबोधन में बगैर पाकिस्तान का नाम लिए उस पर निशाना साधा, उन्हें भारत का पड़ोसी देश कहकर संबोधित किया।
जयशंकर ने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में संयुक्त राष्ट्र संकट की स्थिति में है। सुधारों का विरोध संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता की कमी की मुख्य वजह है। उन्होंने परिषद की स्थायी और अस्थायी, दोनों सदस्यता के विस्तार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक सुधारित परिषद को वास्तव में प्रतिनिधित्वपूर्ण होना चाहिए और भारत बड़ी ज़िम्मेदारियाँ उठाने के लिए तैयार है। जयशंकर ने ट्रंप और अमेरिका का नाम लिए बिना कहा दुनिया अब टैरिफ में अस्थिरता और अनिश्चित बाज़ार पहुँच देख रही है।
जयशंकर ने इसी साल अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने आगे कहा आतंक के अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा कर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने लोगों की रक्षा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
Created On :   28 Sept 2025 11:36 AM IST