SIR PROCESS: चुनाव आयोग एसआईआर प्रक्रिया में एआई तकनीक का करेगा इस्तेमाल, पश्चिम बंगाल से होगी शुरुआत

चुनाव आयोग एसआईआर प्रक्रिया में एआई तकनीक का करेगा इस्तेमाल, पश्चिम बंगाल से होगी शुरुआत
वोटर्स की तस्वीरों, खासकर प्रवासियों की तस्वीरों के गलत इस्तेमाल की शिकायतों में बढ़ोतरी के चलते हम एआई की मदद ले रहे हैं। उन्होंने कहा एआई तकनीक से चेहरे मिलान तकनीक का इस्तेमाल उन मामलों का पता लगाने के लिए किया जाएगा जहां एक ही मतदाता की तस्वीर सूची में कई स्थानों पर दिखाई देती है।'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग मतदाता सूची गहन परीक्षण में जल्द एआई तकनीक का इस्तेमाल करेगा। चुनाव आयोग एसआईआर प्रोसेस में एआई तकनीक का सबसे पहले शुरुआत पश्चिम बंगाल से करने जा रहा है।

एक अधिकारी ने बताया कि एआई की मदद से फर्जी और मृत मतदाताओं की पहचान की जाएगी। एआई तकनीक मतदाता डेटाबेस में तस्वीरों में चेहरे की समानता का विश्लेषण करेगी, जिससे कई जगहों पर पंजीकृत मतदाताओं की पहचान करने में मदद मिलेगी।

अधिकारी ने बताया कि, 'मतदाताओं की तस्वीरों, खासकर प्रवासियों की तस्वीरों के गलत इस्तेमाल की शिकायतों में बढ़ोतरी के चलते हम एआई की मदद ले रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'एआई तकनीक से चेहरे मिलान तकनीक का इस्तेमाल उन मामलों का पता लगाने के लिए किया जाएगा जहां एक ही मतदाता की तस्वीर सूची में कई स्थानों पर दिखाई देती है।' हालांकि, अधिकारी ने कहा कि बूथ-स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) सत्यापन प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका में रहेंगे।

उन्होंने कहा, 'एआई तकनीक सत्यापन में मदद करेगी, लेकिन तकनीक के इस्तेमाल के बावजूद, बीएलओ की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी। उन्हें घर-घर जाकर मतदाताओं की तस्वीरें लेनी होंगी।' यहां तक कि जब बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) भरे हुए फॉर्म जमा करते हैं, तब भी बीएलओ को हस्ताक्षर सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से घर-घर जाना होगा। अधिकारी ने बताया कि, 'अगर गणना और फॉर्म भरने के बाद कोई फर्जी या मृत मतदाता पाया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित मतदान केंद्र के बीएलओ की होगी।

Created On :   18 Nov 2025 10:43 AM IST

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