आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद आखिर अमेरिका में कैसे घुसा आतंकी?

How did terrorists enter America despite criminal records
आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद आखिर अमेरिका में कैसे घुसा आतंकी?
टेक्सास मामला आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद आखिर अमेरिका में कैसे घुसा आतंकी?
हाईलाइट
  • टेक्सास मामला : आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद आखिर अमेरिका में कैसे घुसा आतंकी?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के टेक्सास में शनिवार को यहूदियों के एक पूजा स्थल पर लोगों को बंधक बनाने के बाद पुलिस द्वारा मारे गए ब्रिटिश आतंकी मलिक फैसल अकरम ने इस घटनाक्रम से पहले ईसाई बेघर आश्रय (होमलेस शेल्टर) में दिन बिताए थे और उसने हमले से कुछ दिनों पहले ही पिस्तौल खरीदी थी।

आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद उसके अमेरिका में प्रवेश करने को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए हैं।

डेली मेल की एक हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एक लाइव फेसबुक फीड में, उसे एक मजबूत उत्तरी ब्रिटिश लहजे में चिल्लाते हुए सुना गया था कि अगर कोई इस इमारत में प्रवेश करने की कोशिश करता है तो हर कोई मारा जाएगा।

ब्रिटेन के लंकाशायर के रहने वाले 44 वर्षीय मलिक फैसल अकरम ने शनिवार को कई लोगों को बंधक बना लिया था। उसने एफबीआई एजेंटों से बात करते हुए, जेल में बंद महिला आतंकवादी आफिया सिद्दीकी - जिसे लेडी अल कायदा के नाम से जाना जाता है - की रिहाई और उसे उपासना स्थल पर लाने की मांग की थी, ताकि वे दोनों एक साथ मर सकें।

बताया जा रहा है कि अकरम संभवत: मैनचेस्टर से एक फ्लाइट के जरिए 2 जनवरी को न्यूयॉर्क में उतरा था। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद, उसे आखिर अमेरिका में कानूनी तौर पर कैसे प्रवेश मिल गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अपने आगमन (अर्वाइल) के कागजात पर उसने जो पता दिया था, वह न्यूयॉर्क शहर के क्वींस होटल जैसा ही है, जो एक-रात के लिए 80 डॉलर में बुनियादी आवास प्रदान करता है।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि हालांकि अकरम ने प्रवेश दस्तावेजों (एंट्री डॉक्यूमेंट्स) में कहा था कि वह वहीं रहेगा, मगर यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह उसने वास्तव में ऐसा किया था, क्योंकि होटल में एक रिसेप्शनिस्ट इसकी पुष्टि करने में असमर्थ रहा है। रिसेप्शनिस्ट ने कहा कि एफबीआई एजेंटों ने होटल के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की है, लेकिन उन्हें इससे कुछ भी खास नहीं मिला पाया।

ऐसी भी रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि ब्रिटिश मुस्लिम अपराधी ने को एक ईसाई धर्मार्थ केंद्र यानी एक शेल्टर होम में रात बिताने के लिए बिस्तर की मांग करते हुए भी देखा गया।

डेली मेल की रिपोर्ट में कहा गया है कि अकरम के पाकिस्तान से संबंधों की भी जांच की जा रही है, क्योंकि वह उस देश में नियमित रूप से जाया करता था, जहां उसके पिता का जन्म हुआ था। वह कथित तौर पर रूढ़िवादी तब्लीगी जमात समूह का समर्थक था, जिसे इस्लाम को कथित शुद्ध करने के लिए स्थापित किया गया है। हालांकि यह एक आतंकवादी समूह होने से इनकार करता है - लेकिन इसके सदस्यों को सऊदी अरब से प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि संगठन को खाड़ी राष्ट्र द्वारा आतंकवाद के द्वारों में से एक करार दिया गया है।

 

आईएएनएस

Created On :   18 Jan 2022 3:30 PM GMT

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