'सिक्किम पर चीन की बेतुकी सलाह, कहा- 1890 की संधि को मानाे

एजेंसी, बीजिंग। चीन ने सोमवार को कहा है कि सिक्किम सेक्टर में चीन-भारत की सीमा स्पष्ट है और वहां भारतीय सेना का कदम विभिन्न भारतीय सरकारों द्वारा अपनाए गए रुख का उल्लंघन है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा कि भारत के पीएम जवाहर लाल नेहरू ने 1959 में चीन के तत्कालीन पीएम चाऊ एन लाई को लिखे पत्र में सिक्किम पर 1890 की चीन-ब्रिटिश संधि को स्वीकार किया। बाद की सरकारों ने भी इस संधि को माना। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को भी इस संधि का सम्मान करते हुए तुरंत सेना को डोकलाम से पीछे हटने का कहना चाहिए।
जर्मनी के हैमबर्ग में होनी वाले जी-20 सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेन्द्र मोदी के मिलने की संभावनाओं पर जेंग ने कहा कि फिलहाल उनके पास इसकी कोई सूचना नहीं है कि अन्य देशों के नेताओं के साथ शी की कोई द्विपक्षीय बैठक होनी है या नहीं। गौरतलब है कि चीन ने भारतीय सेना पर सिक्किम के डोकलाम क्षेत्र में घुसपैठ करने का आरोप लगाया है। चीन इसे अपना क्षेत्र मानता है। भूटान भी इस क्षेत्र पर अपने अधिकार का दावा करता है। सिक्किम पर तनाव को देखते हुए चीन ने भारत से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए नाथूला दर्रा होकर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है। चीन का कहना है कि तिब्बत के लिपू झील से होकर जाने वाला दूसरा रास्ता खुला हुआ है, क्योंकि वह ऐसी जगह स्थित है जहां कोई विवाद नहीं है।
Created On :   3 July 2017 4:42 PM IST