ईरान ने कही मिसाइलों की रेंज बढ़ाने की बात, अमेरिका-यूरोप ने जताई चिंता

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली देश है, लेकिन इस वक्त एक देश ने अमेरिका समेत यूरोप महाद्वीप को परेशान कर रखा है। दरअसल ईरान के वॉल्यूशनरी गार्ड्स के डैप्युटी हैड ने कहा कि अगर यूरोप की ओर से तेहरान को धमकी दी जाती है तो हम अपनी मिसाइलों की रेंज को 2,000 किलोमीटर से ज्यादा करेंगे। ईरान ने आगे कहा है कि वो अपनी मिसाइलों को अपग्रेड करेगा ताकि उनकी रेंज में यूरोप के शहर भी आ सकें। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा, "अब तक हम मानते रहे हैं कि यूरोप हमारे लिए खतरा नहीं है, इसलिए हमने मिसाइलों की रेंज को बढ़ाने पर काम नहीं किया, लेकिन यूरोप हमारे लिए खतरे में तब्दील होता है तो हम अपनी मिसाइलों की रेंज को बढ़ाएंगे।" पिछले महीने ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स मिलिट्री फोर्स के मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने कहा था कि हमारा 2,000 किलोमीटर तक का मिसाइल ज्यादातर अमरीकी हितों और बलों को निशाना बनाने में सक्षम हैं।
दरअसल ईरान में सत्ता परिवर्तन होने के बाद अमेरिका और यूरोप की परेशानियां भी बढ़ती दिखाई दे रही है। डोनाल्ड ट्रंप इस बात को पहले ही कह चुके हैं कि 2015 में ईरान के साथ हुई न्यूक्लियर डील सही नहीं थी। वहीं यूरोप के बड़े देश फ्रांस ने भी अब ट्रंप के सुर में सुर मिला दिया है। फ्रांस का कहना है कि इस संधि पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। लिहाजा यहां पर ईरान समेत इन तीनों देशों की चिंता बढ़ गई है।
क्या थी डील?
साल 2015 में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा समेत यूरोप के अन्य देशों ने मिलकर ईरान से न्यूक्लियर डील पर हस्ताक्षर किए थे तब इसको लेकर काफी उम्मीदें भी जताई गई थीं। ओबामा प्रशासन ने ईरान को लेकर काफी कुछ झेला था जिसका पटाक्षेप इस संधि के जरिए हुआ था।
हालांकि इस डील को लेकर रूस का रुख पूरी तरह से स्पष्ट है। रूस की तरफ से पहले भी कई बार इस बात को कहा जा चुका है कि इस डील को खत्म करना या अमेरिका का इससे पीछे हटना इस पूरे इलाके में टकराव की बड़ी वजह बन सकता है। इतना ही नहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए यहां तक कहा था कि अमेरिका संधियों को लेकर पूर्व में भी इतना गंभीर भी नहीं रहा है, जितना होना चाहिए। ऐसा इसलिए भी है कि परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने का प्रस्ताव वहां की संसद में लंबित है। रूस की तरफ से डील को खत्म करने की सूरत में परमाणु युद्ध छिड़ने तक की आशंका जताई जा चुकी है। ईरान की तरफ से रिवोल्यूशनरी गार्ड के बयान कहीं न कहीं इसकी पुष्टि करते हुए दिखाई भी दे रहे हैं।
Created On :   27 Nov 2017 4:17 PM IST