पाक की दिखावे वाली कार्रवाई, पुलिस ने कब्जे में लिया जैश का हेडक्वार्टर
- इस कैंपस में 70 टीचर्स और 600 स्टूडेंट्स एनरोल है।
- पाकिस्तान की इंटरनल मिनिस्ट्री ने इसकी पुष्टी की है।
- पाकिस्तान की पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वाटर को अपने कब्जे में ले लिया।
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को भारत की जवाबी कार्रवाई का डर सताने लगा है और वह बेहद डरा हुआ दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि इस कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान ने अब नया पैंतरा अपनाया है। शुक्रवार को पाकिस्तान की पुलिस ने आतंकी मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हेडक्वार्टर को अपने कब्जे में ले लिया। पाकिस्तान की इंटरनल मिनिस्ट्री ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि पाकिस्तान की ये कार्रवाई दिखावा मात्र ही नजर आ रही है। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद ने ही पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी।
पाकिस्तान सरकार के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया है की पंजाब सरकार ने बहावलपुर में एक कैंपस जिसमें मदरसातुल साबिर और जामा-ए-मस्जिद सुभानल्ला है को प्रशासनिक नियंत्रण में ले लिया है। इस कैंपस को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का हेडक्वाटर माना जाता है। कैंपस में 70 टीचर्स और 600 स्टूडेंट्स इनरोल है। प्रवक्ता ने कहा कि पंजाब पुलिस परिसर को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान कर रही है। ऐसे में ये साफ है कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर कार्रवाई नहीं बल्कि उसकी सुरक्षा बढ़ा दी है। प्रवक्ता ने कहा कि ये कार्रवाई प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के निर्णय के अनुरूप की गई है।
The Government of Punjab has taken over the control of a campus comprising Madressatul Sabir and Jama-e-Masjid Subhanallah in Bahawalpur: Spokesman of the Ministry of Interior
— Govt of Pakistan (@pid_gov) February 22, 2019
इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान ने मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद के आंतकी संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इनसानियत को बैन करने का ऐलान किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक के बाद इसका आदेश जारी किया गया था। प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई NSC की बैठक की अध्यक्षता पाक पीएम इमरान खान ने की थी। पाकिस्तान की कोशिश थी कि वह ऐसा करके FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाए। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखा।
बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में 33 प्रतिबंधित संगठनों में से एक है, लेकिन ये दिखावा मात्र है। क्योंकि जैश प्रमुख मसूद अजहर का ठिकाना पाकिस्तानी सेना से 8-9 किलोमीटर की दूरी पर ही है। मसूद अजहर पाकिस्तान में खुलेआम रैलियां भी करता है। अजहर पर लंबे समय से कार्रवाई की मांग की जा रही है। अमेरिका के दबाव के बाद अजहर 2002 से 2014 तक अंडरग्राउंड हो गया था, लेकिन इसके बाद उसने 300 आत्मघाती हमलावर तैयार कर भारत को हमले की धमकी दी थी। 2016 में उसने पठानकोट हमले को अंजाम दिया था।
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों पर आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इस हमले के बाद से ही पाकिस्तान की विश्व भर में कड़ी आलोचना की जा रही है। कई देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़े हो गए हैं।
Created On :   22 Feb 2019 4:00 PM GMT