Russia: क्रेमलिन ने पुतिन विरोधी रूस के बड़े नेता अलेक्सेई को जहर देने के आरोपों को खारिज किया, जानिए क्या है पूरा मामला?

Kremlin brushes off allegations in Navalny’s poisoning
Russia: क्रेमलिन ने पुतिन विरोधी रूस के बड़े नेता अलेक्सेई को जहर देने के आरोपों को खारिज किया, जानिए क्या है पूरा मामला?
Russia: क्रेमलिन ने पुतिन विरोधी रूस के बड़े नेता अलेक्सेई को जहर देने के आरोपों को खारिज किया, जानिए क्या है पूरा मामला?

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। क्रेमलिन ने मंगलवार को रूसी विपक्षी नेता अलेक्सेई नवालनी को जहर देने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। क्रेमलिन की तरफ से ये बयान जर्मन अस्पताल के उन डॉक्टरों की टिप्पणी के बाद आया है जिसमें कहा गया था, टेस्ट बताते हैं कि 44 वर्षीय अलेक्सेई नवालनी को जहर दिया गया है। बता दें कि पुतिन विरोधी रूस के बड़े नेता अलेक्सेई गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं और कोमा में हैं। इलाज के लिए उन्हें ऑम्स्क से जर्मनी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद से रूस में पुतिन सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं।

क्या है मामला?
ये बात 20 अगस्त 2020 की है। पुतिन विरोधी रूस के बड़े नेता अलेक्सेई नवालनी साइबेरिया के टॉम्स्क शहर से एक विमान मॉस्को जा रहे थे। विमान को उड़ान भरे अभी कुछ ही वक्त हुआ था कि उन्होंने तबीयत खराब होने की शिकायत की। मामला गंभीर था, इसलिए प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। साइबेरिया के ही दूसरे शहर ऑम्स्क में ये लैंडिंग हुई। अलेक्सेई को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो मालूम चला कि उन्हें ज़हर दिया गया है। शक जताया गया कि टॉम्स्क एयरपोर्ट के कैफे में अलेक्सेई ने चाय पी थी। उसी चाय में ज़हर मिलाकर पिलाया गया।त इसके बाद जर्मनी ने एयर एबुलेंस भेजी और उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया।

कौन है अलेक्सेई?
पेशे से वकील रहे अलेक्सेई का रूस की राजनीति में उभार 2008 से दिखता है। उन्होंने रूस सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना शुरू किया और एक नेशनलिस्ट नेता के तौर पर अपनी छवि बनाना शुरू की। उन्होंने सरकार के कॉन्ट्रैक्ट्स में फ्रॉड के मामले उजागर किए। 2011 में अलेक्सेई ने एंटी करप्शन फाउंडेशन नाम का संगठन बनाया। इसके जरिए वह सरकारी भ्रष्टाचार पर पुतिन को सीधे ललकारने लगे। 2013 में उन्होंने मॉस्को में मेयर का चुनाव लड़ा लेकिन पुतिन के उम्मीदवार से हार गए। हारने पर उन्होंने कहा कि चुनाव में धांधली हुई है। उसके बाद उन पर केस लगते गए। एक केस में 5 साल की सजा हुई। दूसरे केस में साढ़े तीन साल की सजा हुई। कुछ साल वो जेल में रहे फिर घर पर नज़रबंद कर दिया गया।

2016 में जब वो बाहर आए तो प्रदर्शन आयोजित कराने लगे। 2017 में उन्हें पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए तीन बार जेल हुई। 2018 में रूस में राष्ट्रपति का चुनाव होना था। पुतिन को मात देने के लिए अलेक्सेई तैयारी कर रहे थे। लेकिन रूस के चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। अलेक्सेई चुनाव नहीं लड़ पाए लेकिन पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखे। जुलाई 2019 में मॉस्को के सिटी हॉल में प्रदर्शन बुलाने के लिए उन्हें एक महीने की कैद हुई। अक्टूबर 2019 में उनके संगठन एंटी करप्शन फाउंडेशन को विदेशी एजेंट घोषित किया और बैन लगा दिया गया। उनके दफ्तरों पर छापे मारे गए और मॉस्को छोड़ने पर भी कुछ दिन के लिए बैन लगा दिया गया।

Created On :   25 Aug 2020 6:29 PM GMT

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