मालदीव ने दिया भारत को झटका, कहा-वापस ले जाइए अपना हेलिकॉप्टर

Maldives want to return Naval helicopters to india found in Gift
मालदीव ने दिया भारत को झटका, कहा-वापस ले जाइए अपना हेलिकॉप्टर
मालदीव ने दिया भारत को झटका, कहा-वापस ले जाइए अपना हेलिकॉप्टर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मालदीव के साथ भारत के संबंध एक बार फिर से बिगड़ने लगे हैं। मालदीव ने भारत को झटका देते हुए गिफ्ट में मिले दो नौसेना हेलिकॉप्टरों में से एक को वापस ले जाने के लिए कहा है। फिलहाल इसे लेकर अब्दुल्ला यामीन की सरकार से बात चल रही है। वहीं मालदीव सरकार के सूत्र कह रहे हैं कि मालदीव भारत के ध्रुव अडवॉन्स्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) की बजाय डॉर्नियर मैरिटाइम सर्विलान्स एयरक्राप्ट चाहता है।
  

सिक्यॉरिटी कोऑपरेशन पर सवाल खड़े

इस घटना ने भारत और मालदीव के बीच के डिफेंस और सिक्यॉरिटी कोऑपरेशन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इन दिनों जब भारत के लिए रणनीतिक रूप से मालदील अहम है, ऐसे समय में चीन कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स की मदद से अपना हस्तक्षेप बढ़ा रहा है। बीते रविवार को ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा मालदीव का दौरा कर चुके हैं। कमर बाजवा मालदीव में 45 दिनों का आपातकाल खत्म होने के बाद पहुंचने वाले पहले विदेशी मेहमान थे। भारत इस तरह के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है।
 


 

 

समुद्री सीमा की निगरानी करता है ध्रुव

वहीं यामीन सरकार के सूत्र बता रहे हैं कि अड्डू के लिए एएलएच के लेटर ऑफ एक्सचेंज (LoE) एक्सपायर हो गया है। हालांकि LoE हर 2 साल में रीन्यू हो जाता है, लेकिन ऐसा पहली बार है जब मालदीव ने इसे रीन्यू नहीं करने का फैसला किया है। बता दें कि मालदीव में भारतीय अधिकारियों की मौजूदगी भी इसी LoE के माध्यम से ही संभव होती है। बता दें कि मालदीव जिस हेलिकॉप्टर को भारत को लौटाना चाहता है वह अद्दू द्वीप पर ऑपरेट करता है। मालदीव लामू द्वीप पर ऑपरेट कर रहे दूसरे भारतीय हेलिकॉप्टर को भी वापस देने के बारे में सोच रहा है। भारत से मिले इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल मालदीव अपनी समुद्री सीमा की निगरानी के लिए करता है


भारत ने मालदीव में किया काफी निवेश

हालांकि यामीन सरकार के सूत्र इस तरह के किसी फैसले से इनकार कर रहे हैं। मालदीव के दक्षिणी हिस्से में स्थित लामू एक संवेदनशील लोकेशन है। यहां कथित तौर पर चीन एक बंदरगाह बना रहा है। चीन को काउंटर करने के लिए भारत ने मालदीव में काफी निवेश कर रखा है। भारत की तरफ से मालदीव को मिलिट्री सहायता के अलावा पिछले कई वर्षों से कैपिसिटी बिल्डिंग ट्रेनिंग भी दी जा रही है। भारत ने मालदीव को ध्रुव गिफ्ट करने के साथ 6 पायलट और दर्जनों ग्राउंज स्टाफ भी दिए हैं जो मालदीव की नैशनल डिफेंस फोर्स को सहयोग देते हैं। इसके अलावा भारत मालदीव को 10 कोस्टल सर्विलांस रेडार सिस्टम (CSRS) विकसित करने में भी मदद कर रहा है।

 

   
 

 

मालदीव बोला चीन बिछड़ा चचेरा भाई

मालदीव भारत को एक तरफ भाई बताता है तो दूसरी तरफ चीन को बरसों बाद मिला बिछड़ा चचेरा भाई बताता है। चीन में मालदीव के राजदूत मोहम्मद फैसल कहा था कि उनका देश चीनी निवेश को और भी गले लगाएगा, लेकिन चीन और भारत के बीच टकराव में फंसने के खतरे की उसे जानकारी है। मालदीव वित्तपोषण के लिए कई परियोजनाएं भारत के पास ले गया, लेकिन उसे जरूरी मदद नहीं मिली। चीन मालदीव को हिंद महासागर में समुद्री रेशम मार्ग का एक प्रमुख भागीदार मानता है और उसने वहां भारी निवेश किया। 

Created On :   4 April 2018 7:27 AM GMT

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