एंटीगुआ सरकार की पुष्टि, उनके देश में ही है मेहुल चोकसी

Mehul Choksi Is In Antigua, CBI Receives Confirmation
एंटीगुआ सरकार की पुष्टि, उनके देश में ही है मेहुल चोकसी
एंटीगुआ सरकार की पुष्टि, उनके देश में ही है मेहुल चोकसी
हाईलाइट
  • अंतरराष्ट्रीय मंच पर मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के मुद्दे को मजबूती से उठाया जा सकेगा।
  • एंटीगुआ सरकार ने इसकी जानकारी इंटरपोल को दी है। इसके बाद यह जानकारी भारत को दी गई।
  • मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में मौजूदगी को लेकर पहली बार वहां की सरकार ने आधिकारिक पुष्टी की है।

डिजिटल डेस्क, सेंट जॉन्स। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में मौजूदगी को लेकर पहली बार वहां की सरकार ने आधिकारिक पुष्टी की है। एंटीगुआ सरकार ने इसकी जानकारी इंटरपोल को दी है। इसके बाद इंटरपोल से यह जानकारी भारत को दी गई। बता दें कि सीबीआई ने नेशनल क्राइम ब्यूरो (एनसीबी) के जरिए पिछले सप्ताह एंटीगुआ सरकार को लेटर लिखा था। इस लेटर में मेहुल चोकसी की मौजूदगी के बारे में जानकारी मांगी गई थी।

क्या कहा एंटीगुआ सरकार ने?
एंटीगुआ प्रशासन ने इंटरपोल को बताया कि मेहुल चोकसी उसके देश में ही है और अब वह एंटीगुआ का नागरिक भी बन चुका है। माना जा रहा है कि एंटीगुआ सरकार की पुष्टी के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के मुद्दे को मजबूती से उठाया जा सकेगा। बता दें कि दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय संधि न होने के बावजूद कुछ दिन पहले एंटीगुआ के अधिकारियों ने स्थानीय मीडिया से कहा था कि मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार की हर कानूनी अपील का सम्मान किया जाएगा।

कैसे मिलती है एंटिगुआ की नागरिकता ?
एंटिगुआ की नागरिकता हासिल करना बेहद आसान है। बड़ी बात ये है कि पासपोर्ट हासिल करने के लिए वहां मौजूद होना जरूरी नहीं होता है। एंटीगुआ के कानून के मुताबिक, अगर यहां कोई व्यक्ति 4 लाख अमेरिका डॉलर कीमत की प्रॉपर्टी खरीद लेता है तो उसे वहां की नागरिकता मिल जाती है। इसके अलावा अगर कोई कारोबारी यहां 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करता है तो वह भी एंटीगुआ की नागरिकता पा सकता है।

मेहुल ने की थी मॉब लिंचिंग की आशंका जाहिर
इससे पहले मेहुल चोकसी ने कानून के शिकंजे से बचने के लिए मॉब लिंचिंग की आशंका जाहिर करते हुए स्पेशल कोर्ट से अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वॉरंट को रद्द करने की मांग की थी। स्पेशल कोर्ट में दायर याचिका में चौकसी ने भारत वापसी पर अपने पूर्व कर्मचारियों, कर्जदाताओं के अलावा जेल स्टाफ और अन्य कैदियों से जान को खतरा बताया था। उसने याचिका में कहा था कि भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं। हाल के समय में आम जनता सड़क पर ही न्याय करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रही है।   

 

Created On :   2 Aug 2018 3:44 PM GMT

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