NASA: मंगल की धरती पर उतरा रोबोटिक मार्स इनसाइट लेंडर, खोलेगा अरबों साल पुराने राज

NASA: Nasas Insight lander touches down on the red planet, mission mars successful
NASA: मंगल की धरती पर उतरा रोबोटिक मार्स इनसाइट लेंडर, खोलेगा अरबों साल पुराने राज
NASA: मंगल की धरती पर उतरा रोबोटिक मार्स इनसाइट लेंडर, खोलेगा अरबों साल पुराने राज
हाईलाइट
  • नासा का रोबोटिक 'मार्स इनसाइट लेंडर' सोमवार की रात सफलतापूर्वक मंगल पर लैंड कर गया।
  • नासा का ये मिशन मंगल ग्रह की गुत्थियां सुलझाने के लिए चला गया है।
  • ‘इनसाइट’ मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना पृथ्वी से कितनी अलग है
  • इसका पता लगाएगा।

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन डी सी। मंगल ग्रह के राज खोलने के लिए नासा का रोबोटिक "मार्स इनसाइट लेंडर" सोमवार की रात सफलतापूर्वक मंगल पर लैंड कर गया। नासा के प्रशासक जिम ब्राइडेंस्टाइन ने इनसाइट के टचडाउन की जानकारी देते हुए सभी को बधाई दी। नासा का ये मिशन मंगल ग्रह की गुत्थियां सुलझाने के लिए चला गया है। ‘इनसाइट’ मंगल ग्रह की आंतरिक संरचना पृथ्वी से कितनी अलग है, इसका पता लगाएगा। 

बता दें कि ‘इनसाइट’ की मंगल पर लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया सात मिनट तक चली। भारतीय समयानुसार सोमवार रात 1.24 बजे ‘इनसाइट’ ने मंगल की सतह पर उतरा। सात मिनट तक पूरी दुनिया के वैज्ञानिक दम साधे इस पूरी प्रक्रिया को लाइव देखते रहे। जैसे ही ‘इनसाइट’ ने मंगल की सतह को छुआ, सभी वैज्ञानिक खुशी से झूमने लगे। मंगल की कक्षा में पहुंचने के समय ‘इनसाइट’ की स्पीड 19800 किलोमीटर की थी, जो लैंडिंग के वक्त घटकर 8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रह गई। ‘इनसाइट’ का ये मिशन मंगल करीब 7044 करोड़ रुपये का था। 

नासा के इंसाइट मिशन का लक्ष्य मंगल के ज़मीनी और आंतरिक भागों का अध्ययन करना है और पृथ्वी के अलावा यह इकलौता ऐसा ग्रह है जिसकी नासा इस तरह जांच करने जा रहा है। इसकी लैंडिंग के दौरान सात मिनट बेहद तनावपूर्ण गुज़रे और इस दौरान यह अंतरिक्ष यान धरती पर संदेश भेज रहा था। यह यान एलिसियम प्लानिशिया नामक सपाट मैदान में उतरा है जो इस लाल ग्रह की भूमध्य रेखा के नज़दीक है। अभी वैज्ञानिक इस यान के पूरी तरह ठीक होने और इसके आस-पास की जानकारियों और तस्वीरों का इंतज़ार कर रहे हैं। ये सभी जानकारियां अगले कुछ घंटों में धरती पर आने की संभावना है। इंसाइट मंगल ग्रह के बारे में ऐसी जानकारियां दे सकता है, जो अरबों सालों से नहीं मिली हैं।

क्या है इंसाइट लैंडर?
इनसाइट का पूरा नाम ‘इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस। मार्स इनसाइट लैंडर का वजन 358 किलो सौर ऊर्जा और बैटरी से चलने वाला यान है। इसे 26 महीने तक काम करने के लिए डिजाइन किया गया। इसकी लागत कुल 7000 करोड़ रुपये है। इस मिशन में यूएस, जर्मनी, फ्रांस और यूरोप समेत 10 से ज्यादा देशों के वैज्ञानिक शामिल। इसका मुख्य उपकरण सिस्मोमीटर (भूकंपमापी) है, जिसे फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी ने बनाया है। लैंडिंग के बाद ‘रोबोटिक आर्म’ सतह पर सेस्मोमीटर लगाएगा। दूसरा मुख्य टूल सेल्फ हैमरिंग है, जो ग्रह की सतह में ऊष्मा के प्रवाह को दर्ज करेगा। इनसाइट की मंगल के वातावरण में प्रवेश के दौरान अनुमानित गति 12 हजार 300 मील प्रति घंटा रही। इनसाइट प्रोजेक्ट के प्रमुख वैज्ञानिक ब्रूस बैनर्ट का कहना है कि यह एक टाइम मशीन है, जो यह पता लगाएगी कि 4.5 अरब साल पहले मंगल, धरती और चंद्रमा जैसे पथरीले ग्रह कैसे बने।

 

 

 

 


 

Created On :   27 Nov 2018 9:40 AM IST

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