नॉर्थ कोरिया ने कहा- विश्व में हमसे शक्तिशाली परमाणु देश कोई नहीं
डिजिटल डेस्क, प्योंगयांग। एक बार फिर नॉर्थ कोरिया ने विश्वभर के शक्तिशाली देशों को चुनौती देते हुए खुद को सबसे शक्तिशाली देश करार दिया है। नॉर्थ कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सामने ही "विश्व का सबसे शक्तिशाली परमाणु व सैन्य देश" बनने का दंभ भरा है। संयुक्त राष्ट्र में नॉर्थ कोरिया के स्थायी प्रतिनिधि जा सोंग-नाम ने डंके की चोट पर कहा है कि नॉर्थ कोरिया दो मोर्चों पर हमेशा आगे बढ़ता रहेगा। "दो मोर्चे" पर आगे बढ़ने का मतलब एक साथ सैन्य व आर्थिक क्षमता में आगे बढ़ना है। दोनों ही क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं।
सोंग-नाम ने एक सत्र के दौरान सुरक्षा परिषद से अपने परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम के खतरे पर कहा, "प्योंगयांग आगे बढ़ेगा और 2 मोर्चों पर एकसाथ आगे बढ़ने के साथ देश परमाणु व सैन्य स्तर पर विश्व का सबसे ताकतवर देश बनने के लिए काफी प्रगति की है।"
विश्व के सबसे ताकतवर परमाणु व सैन्य शक्ति बनने का दंभ भरने के साथ ही नॉर्थ कोरिया के प्रतिनिध ने कहा, "जब तक हमारे हितों को खतरा पैदा नहीं होता, प्योंगयांग किसी भी देश या क्षेत्र के लिए खतरा नहीं है।" उन्होंने हालांकि मिसाइल प्रौद्योगिकी प्रसार के संबंध में कुछ नहीं बोला।
मामले में सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद को चेतावनी देते हुए कहा था, "विश्व में आज कोरियाई महाद्वीप की स्थिति बहुत तनावपूर्ण और खतरनाक है।" इसके बाद शुक्रवार को प्योंगयांग ने वैश्विक महाशक्ति बनने की महात्वाकांक्षा के बारे में बयान दिया था।
जा सोंग नाम ने नॉर्थ कोरिया द्वारा 29 नवंबर को किए गए अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल (ICBM) परीक्षण को महान नवंबर समारोह "ग्रेट नवंबर इवेंट" कहा, जिसने देश के परमाणु शक्ति व रॉकेट शक्ति कार्यक्रम को पूरा करने में मदद की। कहा जा रहा है कि यह मिसाइल अमेरिका में किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम है और परीक्षण के दौरान यह जापान तट पर गिरा था।
Created On :   16 Dec 2017 5:21 PM GMT