कराची में मस्जिद गिराने के कोर्ट के आदेश के खिलाफ हैं पाक इस्लामिक विद्वान
- अदालत ने पाया कि मस्जिद का निर्माण पार्क के लिए आवंटित भूमि के एक टुकड़े पर किया गया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रमुख पाकिस्तानी इस्लामिक विद्वान और कराची दारुल उलूम के प्रमुख मुफ्ती तकी उस्मानी ने कराची में तारिक रोड पर मदीना मस्जिद को गिराने के अदालती आदेश के खिलाफ ट्वीट किया है।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कराची में डोलमेन मॉल के पास एक बहुमंजिली इमारत मदीना मस्जिद सहित अतिक्रमित भूमि पर बने कई ढांचे को गिराने का आदेश दिया।
अदालत ने पाया कि मस्जिद का निर्माण पार्क के लिए आवंटित भूमि के एक टुकड़े पर किया गया था।
उस्मानी ने अपने ट्वीट में कहा कि मस्जिद को गिराने और पार्क बनाने का आदेश बिल्कुल गैरवाजिब है। रिपोर्ट के अनुसार, तारिक रोड पर यह मस्जिद 25 साल पहले बनाई गई थी और तब से नमाजी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
धार्मिक विद्वान ने कहा कि यह समझ से बाहर है कि पड़ोस में रहने वाले लोगों की बात सुने बिना ऐसी मस्जिद को गिराने का आदेश दिया जाए। उन्होंने कहा कि अदालत को खुद इस मुद्दे की तुरंत समीक्षा करनी चाहिए।
वर्ष 1981 से 1982 तक फेडरल शरीयत कोर्ट में सेवा देने वाले उस्मानी ने पाकिस्तान में इस्लामिक बैंकिंग की अवधारणा का बीड़ा उठाया है।
फ्राइडे टाइम्स के मुताबिक, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद और सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ), सिंध के महासचिव राशिद महमूद सूमरो ने भी कहा कि पार्टी अदालत के फैसले को लागू नहीं होने देगी।
सूमरो ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, जो बुधवार देर रात तक वायरल हो गया, जिसमें अधिकारियों को मस्जिद तोड़ने की चुनौती दी गई है।
(आईएएनएस)
Created On :   31 Dec 2021 12:30 AM IST