लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों को छोड़ने की आईएमएफ की मांग को पाक ने किया खारिज
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों के निर्माण को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की नई मांग को अनैतिक रवैया करार दिया और जोर देकर कहा है कि किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह देश को यह निर्देश दे कि उसके पास कौन से परमाणु हथियार हो सकते हैं। विदेशी राजदूतों के सामने सीनेट के विशेष सत्र में बोलते हुए डार ने कहा कि पाकिस्तान के पास अपनी प्रतिरोधक क्षमता है और वह किसी बाहरी संस्था को यह तय करने की अनुमति नहीं देगा कि देश के पास किस तरह की मिसाइलें हो सकती हैं।
इशाक डार ने कहा, किसी को भी पाकिस्तान को यह बताने का कोई अधिकार नहीं है कि उसके पास कितनी रेंज की मिसाइलें हो सकती हैं और उसके पास कौन से परमाणु हथियार हो सकते हैं। हमें अपना खुद का बचाव करना होता है। आईएमएफ पाकिस्तान को सख्त और लगातार नई मांगें रख रहा है। देश गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं के संदर्भ में आईएमएफ की मांग को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया गया है और वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसको खारिज कर दिया है।
विश्लेषकों का कहना है कि पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने आईएमएफ की कर सुधारों और मुद्रास्फीति की सभी कठोर मांगों को स्वीकार कर लिया है, लेकिन वह परमाणु मिसाइल निर्माण परित्याग पर आईएमएफ की मांग को पूरा नहीं करेगी.. एक ऐसी मांग जो अमेरिका द्वारा लंबे समय से की जा रही है और इस्लामाबाद द्वारा बार-बार ठुकराई गई है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि पाकिस्तान की आक्रामक प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब इस्लामाबाद ने चीन के साथ संबंध सुधारने के प्रयास तेज कर दिए हैं। चीन ने हाल ही में दो प्रमुख वाणिज्यिक ऋणों को पुनर्वित्त कर देश को डिफॉल्ट होने से बचाया है और 23 मार्च को मैच्योर होने वाली कम से कम 2 अरब चीनी डॉलर जमा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पश्चिम की पाकिस्तान की शाहीन-3 लंबी दूरी की परमाणु मिसाइल पर अपनी चिंताएं हैं, जो परमाणु हथियारों को 2,750 किमी की दूरी तक ले जाने की क्षमता रखती है, जो भारत और मध्य पूर्व के कुछ हिस्सों को कवर करती है। हालांकि, वित्त मंत्री इशाक डार ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी सरकार और देश बड़े पैमाने पर अपने परमाणु कार्यक्रमों पर कोई समझौता नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, कोई भी पाकिस्तान के परमाणु या मिसाइल कार्यक्रम पर कुछ भी समझौता नहीं करने जा रहा है- बिल्कुल नहीं! आईएमएफ को डार की कड़ी प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के बाद आई जिसने पाकिस्तान के परमाणु मिसाइल कार्यक्रम को अपनी राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में उजागर किया।
पीएमओ के बयान में कहा गया, पाकिस्तान का परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम एक राष्ट्रीय संपत्ति है। पूरा कार्यक्रम पूरी तरह से सुरक्षित, फुलप्रूफ और किसी भी तनाव या दबाव में नहीं है। पीएमओ के बयान में कहा गया, परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह से उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जारी है जिसके लिए यह क्षमता विकसित की गई थी। वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस तथ्य के बावजूद कि पाकिस्तान के लिए विस्तारित फंडिंग सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम को पुनर्जीवित करने के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत व्यापक, असामान्य, बहुत लंबी और बहुत मांग वाली रही है, पाकिस्तान ने सब कुछ पूरा कर लिया है। पाकिस्तान देश की अर्थव्यवस्था के डूबते जहाज को बचाने के लिए आईएमएफ कार्यक्रम के पुनरुद्धार पर निर्भर है। हालांकि, आईएमएफ की मांग और पाकिस्तान से उम्मीदें बढ़ने के साथ-साथ आईएमएफ की लंबी दूरी की परमाणु मिसाइलों के निर्माण को छोड़ने की मांग को सरकार द्वारा अस्वीकार कर दिया गया, आईएमएफ कार्यक्रम के पुनरुद्धार की उम्मीद निकट भविष्य में नहीं हो सकती है, जो निश्चित रूप से देश की वित्तीय स्थिति के लिए अधिक गंभीर चुनौतियां पेश करेगा।
(आईएएनएस)
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Created On :   17 March 2023 3:00 PM IST