विदेशी राजनयिकों को एलओसी तक लेकर गया पाकिस्तान
इस्लामाबाद, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में तैनात विदेशी राजनयिकों के एक दल ने भारत से लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) का दौरा किया है। उन्हें पाकिस्तान सरकार ने एलओसी तक भेजा। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि वह दुनिया को दिखाना चाहती है कि भारत का यह दावा गलत है कि नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में उसकी सेना ने चार आतंकवादी लॉन्च पैड नष्ट किए हैं।
पाकिस्तान ने भारतीय राजनयिकों को भी टीम के साथ चलने का न्योता दिया था, लेकिन भारतीय उच्चायोग ने स्वाभाविक रूप से ठुकरा दिया।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने मंगलवार को बताया कि पाकिस्तान में तैनात कई विदेशी राजनयिकों और मीडियाकर्मियों को आजाद कश्मीर (पीओके) की नीलम घाटी ले जाया गया, ताकि वे खुद ही देख सकें कि क्या भारत ने कोई आतंकी लॉन्च पैड नष्ट किए हैं, जैसाकि उसने रविवार को दावा किया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनयिकों को एलओसी के पास नौसेरी, शाहकोट और जुरा सेक्टरों का दौरा कराया गया और साथ ही नौसादा गांव ले जाया गया, जिसे भारतीय सेना के हमले में काफी नुकसान पहुंचा है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने राजनयिकों और मीडियाकर्मियों को इलाके की स्थिति की जानकारी दी।
गफूर ने बताया कि विदेशी राजनयिक जुरा बाजार भी गए और उन्होंने वहां के स्थानीय लोगों से मुलाकात की। राजनयिकों ने उन क्षतिग्रस्त दुकानों और घरों को देखा जिन्हें ही भारत आतंकी लॉन्चपैड बता रहा है। गफूर ने कहा कि भारत के हमले का शिकार केवल निर्दोष आम लोग बने हैं।
इससे पहले भारतीय राजनयिक के टीम के साथ नहीं होने पर गफूर ने ट्वीट में कहा कि भारतीय उच्चायोग के स्टाफ में अन्य राजनयिकों के साथ एलओसी तक जाने का नैतिक साहस नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फैसल ने भी एक ट्वीट में कहा कि भारतीय पक्ष ने हमारे साथ न तो दौरा किया न ही लॉन्चपैड के बारे में कोई जानकारी दी। ऐसे में भारतीय सेनाध्यक्ष का लॉन्च पैड नष्ट करने का दावा महज एक दावा ही बनकर रह गया है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के इस प्रोपेगेंडे में भारत के शामिल होने का कोई सवाल नहीं उठता, इसलिए किसी भारतीय राजनयिक के लिए पाकिस्तान के न्योते पर एलओसी तक जाने का कोई औचित्य ही नहीं था।
बालाकोट में जब भारत ने आतंवादियों के ठिकाने नष्ट किए थे, तब भी पाकिस्तान ने इसी तरह की दिखावटी कार्रवाइयां कर उसे नकारने की कोशिश की थी। जबकि, बालाकोट के आतंकी शिविरों पर भारतीय हमले के पक्ष में सैटेलाइट इमेज समेत कई प्रमाण थे।
इसी तरह पीओके में भी भारतीय तोपों ने उन आतंकवादियों के ठिकानों को रविवार को नष्ट कर दिया, जहां भारत में तबाही फैलाने की साजिशें रची जा रही थीं और आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। भारत की इस कार्रवाई में कम से कम छह से दस आतंकवादी और करीब इतने ही पाकिस्तानी सैनिक ढेर हो गए थे। इन ध्वस्त लॉन्च पैड की तस्वीरों के साथ हमले की सच्चाई को दुनिया ने देखा था।
Created On :   22 Oct 2019 5:30 PM IST