हाईलाइट
  • पाक ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है
  • वह भारत के राजदूत को भी वापस भेजेगा
  • मोदी सरकार के इस कदम से बौखलाए पाक ने बुधवार को मीटिंग में बड़े फैसले लिए

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। नरेंद्र मोदी सरकार ने धारा 370 को हटाकर जम्मू और कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को खत्म कर दिया है। मोदी सरकार के इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड कर दिया। प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में की गई नेशनल सिक्यॉरिटी कमेटी की मीटिंग में ये फैसला लिया गया है। पाकिस्तान ने यह भी घोषणा की कि वह भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर रहा है। फिलहाल भारत में पाकिस्तान का कोई उच्चायुक्त नहीं है। वह इसी महीने नई दिल्ली में उच्चायुक्त भेजने वाला था लेकिन अब नहीं भेजेगा। 

नेशनल सिक्यॉरिटी कमेटी की मीटिंग के बाद जारी एक बयान में कहा गया है कि कमेटी ने भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर को लेकर उठाए गए कदमों और उससे उत्पन्न स्थिति को लेकर चर्चा की। कमेटी ने तय किया है कि वह भारत के साथ राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड करेगा और भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड करेगा। 14 अगस्त को "कश्मीरियों के साथ एकजुटता" जाहिर करने और 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस को "काला दिवस" के रूप में मनाने का भी मीटिंग में फैसला लिया गया है। पाकिस्तान भारत के साथ द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा भी करेगा। साथ ही कश्मीर के मुद्दे को वह यूएनएसी में उठाएगा।" 

पाकिस्तान के इस कदम को लेकर बीजेपी नेता आर माधव ने कहा, पाकिस्तान के पास इस मुद्दे पर कोई लोकस स्टैंडी नहीं है। भारतीय संसद ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बारे में निर्णय लिया है, और यह एक आंतरिक मामला है। इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए किसी अन्य राष्ट्र के पास लोकस स्टैंडी नहीं है।

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, "इससे क्या लाभ मिलेगा? ये अल्पकालिक निर्णय हैं। इससे केवल उनका ही नुकसान होगा। लेकिन अगर वे एक प्रतीकात्मक निर्णय लेना चाहते हैं, तो यह उनकी पसंद है।

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के इस फैसले को बिना सोचे समझे लिया गया फैसला बताया। उन्होंने कहा, कश्मीर भारत का एक आंतरिक मामला है।, वह इस क्षेत्र के संबंध में कोई भी निर्णय लेने का अधिकार रखता है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कदम से करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने पाकिस्तान के भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को सस्पेंड करने पर कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार, दुर्भाग्य से कभी भी बड़ी मात्रा में नहीं रहा है।" उन्होंने कहा, पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदम ये दिखाने के लिए है कि वे इस मामले से निपट रहे हैं। उन्होंने कहा, किसी भी मामले में, राजनयिक संपर्क नहीं होना एक अच्छा डेवलपमेंट नहीं है।

बता दें कि इससे पहले मंगलवार को नेशनल असेम्बली के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था "भारत के इस कदम से कश्मीर में हालात और खराब होंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अनुच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ करके भारत ने और पुलवामा जैसे हमलो को न्योता दे दिया है। उन्होंने कहा था कि इससे परमाणु हथियार से संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच मौजूदा तनाव में युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। 

गौरतलब है कि सोमवार को ऐतिहासिक फैसले लेते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को स्पेशल स्टेटस देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद संसद में यह प्रस्ताव रखा था। राज्यसभा और लोकसभा से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई है। 370  के हटने के बाद ही जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है। एक भाग लद्दाख और दूसरा जम्मू-कश्मीर। 

Created On :   7 Aug 2019 1:58 PM GMT

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