Trump Tariff: अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने किया बड़ा खुलासा, ट्रंप ने भारत पर इस वजह से लगाया भारी टैरिफ

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने किया बड़ा खुलासा, ट्रंप ने भारत पर इस वजह से लगाया भारी टैरिफ
  • इस वजह से एक मेज पर आएंगे रूस और यूक्रेन
  • अमेरिका रूस पर क्यों बना रहा दबाव
  • दोनों देशों के बीच युद्ध रोकने के लिए अमेरिका ने क्या बनाई योजना

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर करवाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीड़ा उठाया है। इसके लिए रूसी राष्ट्रपति और यूक्रेनी राष्ट्रपति ने मुकालात भी की थी, लेकिन अभी तक कोई हल निकलता हुआ नहीं दिखाई दिया है, क्योंकि दोनों देशों ने हमले शुरू कर दिए हैं। इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से सवाल किया गया कि रूस पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका क्या कदम उठा रहा है? ताकि दोनों देश एक मेज पर आ जाए। इस पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने उस देश के पर आर्थिक दबाव बनाया है, जिससे रूस आर्थिक रूस मजबूत हो रहा है।

भारत पर क्यों लगाया भारी टैरिफ?

अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर सेकेंड्री टैरिफ लगाया ताकि रूस के लिए तेल अर्थव्यवस्था से अमीर बनना मुश्किल हो जाए। राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि अगर रूस नरसंहार बंद कर दे तो उसे विश्व अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है। अगर वे नरसंहार बंद नहीं करते हैं तो उन्हें अलग-थलग ही रखा जाएगा।"

जेडी वेंस का आगे कहना हैं, "राष्ट्रपति ट्रंप ने इस युद्ध को रोकने के लिए रूस पर पिछले तीन सालों के दौरान बाइडेन प्रशासन से ज्यादा आर्थिक दवाब डाला है।" एनबीसी न्यूज ने जेडी वेंस के हवाले से बताया कि पिछले कुछ सप्ताह से दोनों देशों के बीच कुछ अहम रियायतें देखी जा रही है।

रूसी हमले पर अमेरिका की राय

बीती 21 अगस्त की रात को यूक्रेन के पश्चिमी इलाके में रूस ने मिसाइल से हमला किया था। इस पर जेडी वेंस ने अपनी राय रखते हुए कहा कि इस हमले में एक अमेरिकी कंपनी के स्वामित्व वाली इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री पर हमला किया गया था। उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह पसंद नहीं है। हम हत्याएं रोकना चाहते हैं। रूसियों ने बहुत सी ऐसी चीजें की हैं, जो हमें पसंद नहीं हैं। बहुत से नागरिक मारे गए हैं। हमने शुरू से ही इसकी निंदा की है।"

अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने कहा, "यूक्रेन में जमीनी स्तर पर अमेरिकी सैनिक तैनात नहीं किए जाएंगे, लेकिन हम यह सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे कि यूक्रेनियों को सुरक्षा की गारंटी और युद्ध रोकने के लिए जरूरी आत्मविश्वास मिले।"

Created On :   25 Aug 2025 12:29 AM IST

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