अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने तेज किए आतंकी हमले

Pakistani Taliban intensify terrorist attacks after capturing Afghanistan
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने तेज किए आतंकी हमले
Pakistan अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने तेज किए आतंकी हमले
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  • अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने तेज किए आतंकी हमले

डिजिटल डेस्क, पेशावर। अफगान तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण का दावा किया है और वह देश में सरकार बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस बीच पाकिस्तान देश में आतंकवादी हमलों का एक नया उछाल देख रहा है, जिसका दावा अफगान तालिबान के पाकिस्तानी गुट तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा किया जा रहा है।
सबसे हालिया आतंकी हमले में, एक आत्मघाती हमलावर ने अशांत दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में एक सुरक्षा चौकी के पास विस्फोट कर दिया, जिसमें अर्धसैनिक बलों के कम से कम तीन कर्मियों की जान चली गई और कम से कम 15 अन्य घायल हो गए।

रिपोर्ट्स के अनुसार, आत्मघाती हमलावर बलूचिस्तान प्रांत में क्वेटा-मस्तुंग रोड पर अर्धसैनिक फ्रंटियर कॉर्प्स द्वारा संरक्षित चौकी की ओर गया, जो प्रांतीय राजधानी क्वेटा से लगभग 25 किलोमीटर दूर है। टीटीपी ने हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया को चेतावनी जारी कर कहा है कि वह इसे आतंकवादी संगठन न कहे। समूह द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है, हम पाकिस्तानी मीडिया के पत्रकारों और मीडिया घरानों से टीटीपी और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बीच चल रहे युद्ध में अपने पक्षपात को रोकने का आह्रान करते हैं।

इसके बयान में कहा गया है, हमने देखा है कि हमारे नाम के साथ आतंकवादी और चरमपंथी जैसे शीर्षकों का उपयोग किया जाता है, जो मीडिया के जानबूझकर पूर्वाग्रह को दर्शाता है। यह चेतावनी दी जाती है और निर्देश दिया जाता है कि टीटीपी को केवल टीटीपी के रूप में उल्लेख किया जाए, न कि ऐसे शीर्षकों के साथ, जो हमारे दुश्मनों द्वारा दिए गए हैं। टीटीपी ने उनकी चिंताओं का समाधान नहीं होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।

इसने कहा, पूर्वाग्रह होना पत्रकारिता की नैतिकता के खिलाफ है और यह आपके (पाकिस्तानी मीडिया) के लिए और अधिक दुश्मनों को आकर्षित करेगा। टीटीपी अफगानिस्तान में अफगान तालिबान के अधिग्रहण के लिए बधाई पत्र जारी करने वाले पहले लोगों या समूह में से एक है, जबकि इसने एक इस्लामी कानून और एक मुस्लिम राष्ट्र को लागू करने के प्रयासों को जारी रखने की भी कसम खाई है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि टीटीपी तालिबान का पाकिस्तानी गुट है, जो अल कायदा की विचारधारा के प्रति निष्ठा रखता है।

लेकिन ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण ने टीटीपी गुटों को विश्वास दिलाया है, जिन्होंने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निशाना बनाकर एक नया आक्रमण शुरू किया है। अफगान तालिबान ने कहा है कि वे पाकिस्तान सहित किसी भी देश में अस्थिरता या आतंक फैलाने के लिए किसी भी आतंकी तत्व द्वारा अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।

हालांकि, अफगान तालिबान ने भी पाकिस्तान को अपने सुझाव का संकेत दिया है कि देश टीटीपी के साथ भी बातचीत कर सकता है, उसी तरह जैसे अमेरिकी सेना ने बातचीत की है और अफगानिस्तान में उनके साथ शांति समझौता किया है।

दुनिया भले ही पाकिस्तान को अफगानिस्तान में तालिबान के अधिग्रहण से संतुष्ट या जश्न में देख रही हो, लेकिन यह एक सच्चाई है कि अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम ने देश के लिए चुनौतियों का एक नया और अधिक खतरनाक सेट खोल दिया है, क्योंकि टीटीपी जैसे गुटों ने अपनी लड़ाई शुरू कर दी है। इसने समग्र सुरक्षा स्थिति और स्थानीय लोगों के जीवन को खतरे में डालते हुए, देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी उपस्थिति दिखाई है।

(ग्राउंड जीरो से की रिपोर्ट)

 

एकेके/आरजेएस

Created On :   7 Sep 2021 9:30 AM GMT

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