जनता की मांग और पार्लियामेंट में बहुमत खोने के बाद भी कुर्सी से चिपके श्रीलंका के राष्ट्रपति
- राष्ट्रपति के पास 69 लाख लोगों का समर्थन
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। महंगाई की भीषण मार से जूझ रही जनता के भारी प्रदर्शन और पार्लियामेंट में बहुमत खोने के बाद भी श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को पद छोड़ने से इनकार कर दिया।
राष्ट्रपति की पार्टी के मुख्य सचेतक एवं राजमार्ग मंत्री जॉन्स्टन फर्नान्डो ने पार्लियामेंट में कहा कि राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देंगे, बल्कि इसका सामना करेंगे। पार्लियामेंट में जब विपक्षियों ने मांग की अगर राष्ट्रपति कुर्सी छोड़ दें तो मौजूदा स्थिति में सुधार हो सकता है।
इस पर फर्नान्डो ने कहा,राष्ट्रपति के पास 69 लाख लोगों का समर्थन है। हम सरकार के तौर पर स्पष्ट कहना चाहेंगे कि राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देंगे। हम इससे लड़ेंगे। विदेशी मुद्रा भंडार की भारी किल्लत से जूझ रहा श्रीलंका पहली बार इतने गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जहां लोगों को ईंधन, बिजली, भोजन और दवाओं की भारी कमी से दो-चार होना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने कहा है कि देश में जरूरी दवाओं की बहुत कमी है, जिससे पूरो देश मेडिकल आपातकाल की स्थिति में आ गया है।
श्रीलंका में गुरुवार को लोग सड़कों पर राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर उतर आये। इसके दबाव में राष्ट्रपति ने पूरे कैबिनेट को रविवार को इस्तीफा देने के लिये कहा। सतारुढ़ गठबंधन सरकार में शामिल 41 सांसदों ने राजपक्षे को छोड़कर खुद को निर्दलीय घोषित कर दिया। श्रीलंका की 225 सदस्यीय पार्लियामेंट में राजपक्षे के पक्ष में 113 सांसद होने चाहिये लेकिन 41 सांसदों के निर्दलीय हो जाने से अब राजपक्षे सरकार अल्पमत में आ गयी है।
(आईएएनएस)
Created On :   6 April 2022 4:00 PM IST