बच्चों की बीमारियों से जुड़े मामलों में अचानक वृद्धि, बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत दर्ज
![Sudden increase in cases related to childrens diseases in North Bengal Sudden increase in cases related to childrens diseases in North Bengal](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/09/794426_730X365.jpg)
- उत्तरी बंगाल में बच्चों की बीमारियों से जुड़े मामलों में अचानक हुई वृद्धि
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि जलपाईगुड़ी जिले के बाल चिकित्सा वाडरें में बच्चों की भर्ती में अचानक वृद्धि हुई है। उत्तरी बंगाल क्षेत्र के अस्पतालों ने पिछले पांच दिनों में 1 से 4 साल के बच्चों को बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ भर्ती किया है।
अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर बच्चे पड़ोसी जलपाईगुड़ी सदर, मैनागुड़ी, धूपगुड़ी और मेखलीगंज, हल्दीबाड़ी, कूचबिहार से आए हैं। अधिकारियों के मुताबिक जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के चिकित्सा वार्ड में औसतन 50-60 मरीज भर्ती हैं, लेकिन इसमें इजाफा हुआ है। वार्ड में पिछले 4-5 दिन में 120-140 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनमें ज्यादातर चार साल की उम्र से कम हैं। नेगेटिव आने वाले करीब 80 से 90 फीसदी मरीजों का आरएटी (रैपिड एंटीजन टेस्ट) टेस्ट किया गया है।
इन चिकित्सा वार्डो में केवल एक बच्चा कोविड पॉजिटिव पाया गया है जिसके बाद उसे आइसोलेशन में एसएनसीयू (स्पेशल न्यू-बॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती कराया गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, कई बच्चे ठीक हो चुके हैं। रविवार को ही 48 बच्चों को छुट्टी दे दी गई है। फिलहाल 149 बच्चों का इलाज चल रहा है। जलपाईगुड़ी जिला अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक राहुल भौमिक ने कहा बच्चों को मौसम में बदलाव के दौरान बुखार हो जाता है। किसी कारण से शायद इस बार बुखार, सर्दी, खांसी को लेकर थोड़ा अधिक ध्यान दिया जा रहा है। किसी को दस्त भी है। हम पूरी तरह से सावधान हैं। मैंने मामले के बारे में उच्च अधिकारियों को भी सूचित किया है।
उन्होंने कहा, मलेरिया और डेंगू की जांच की गई है और केवल एक बच्चा कोविड पॉजिटिव निकला है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त रोगियों को समायोजित करने के लिए बाल चिकित्सा विभाग में 45 नए बिस्तर जोड़े गए हैं और पिछले शुक्रवार को एक नया वार्ड खोला गया था। स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक अजय चक्रवर्ती ने कहा, एक सकारात्मक संकेत यह है कि मामले भी बहुत जटिल नहीं हैं और डिस्चार्ज दर भी अधिक है। बाल रोग विशेषज्ञ विभिन्न प्रकार के मामलों के किसी भी क्लस्टरिंग या प्रकोप की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक यह मौसमी इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी का मामला प्रतीत होता है।
(आईएएनएस)
Created On :   13 Sep 2021 9:00 AM GMT