टेररिस्ट मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का नाम बदलकर किया अल मुरबितून

Terrorist Masood Azhar changed the name of his organization
टेररिस्ट मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का नाम बदलकर किया अल मुरबितून
टेररिस्ट मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद का नाम बदलकर किया अल मुरबितून

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चाबुक चलने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद के नाम बदलने की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि आतंकी मसूद अजहर ने अपने संगठन जैश-ए मोहम्मद का नाम बदलकर  "अल मुरबितून" कर लिया है। नाम बदलने के पीछे की वजह से बताई जा रही है कि अपने ऊपर अमेरिका या भारत की तरफ से लगाए जा सकने वाले किसी तरह के प्रतिबंध से बचना चाहता है। हालांकि इसकी एक वजह पाकिस्तान और पीओके में संगठन विस्तार को भी माना जा रहा है।

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भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर के खिलाफ वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए दबाव बनाता रहा है। इसके बाद अमेरिका ने भी पाकिस्तान की रक्षा सहायता में कटौती की तैयारी कर ली है। ऐसे में पाकिस्तान में फल फूल रहे दहशतगर्दी को फैलाने वाले संगठन अब अपनी संरचना में बदलाव करने पर मजबूर हो गए है।  एक हिन्दी न्यूज चैनल के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद ने इसीलिए अपना नाम बदल दिया है। खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक नया संगठन अल मुरबितून दूसरे आतंकी संगठनों को फंडिंग कर रहा है। वहीं पाकिस्तान में यूनिवर्सिटी और कॉलेज में छात्र-छात्राओं को संगठन में शामिल करने की कोशिश कर रहा है। हिन्दी न्यूज चैनेल को मिले दस्तावेजों के मुताबिक मसूद अजहर इस्लामाबाद, कराची, लाहौर और रावलकोट के स्कूलों-कॉलेजों में भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया है। 

 


मसूद अजहर ने नए संगठन अल मुरबितून के नाम से पैम्पलेट भी छपाए है। इन पैम्पलेट के जरिए भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में छात्रों को शामिल होने का आहवान किया गया है। लेकिन खास बात ये है कि ऐसे आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर जैश के नेताओं को आमंत्रित किया गया था।  प्रतिस्पर्धाओं में फर्स्ट प्राइज जीतने वाले को सबसे बड़ी तलवार दी जाती है, जिस पर प्रायोजक के रूप में मसूद अजहर का नाम "अमीर ऑफ मुजाहिदीन्स" के रूप में अंकित होता है।

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मालूम हो कि मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का मुखिया है। भारत सरकार उसे 13 दिसंबर 2001 को हुए संसद पर हमले और 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार मानता है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भले ही मसूद अजहर के नजरबंद होने का दावा कर रहे हो, लेकिन जानकारी के मुताबिक मसूद खुलेआम भारत विरोधी गितिविधियों को पाकिस्तान और पीओके में अंजाम दे रहा है। बताया जाता है कि 19 नवंबर को लाहौर में आयोजित गजवा-ए-हिंद सम्मेलन में अजहर मसूद शामिल हुआ था. इसके बाद वह 2 दिसंबर को पीओके के हिलटॉप होटल में रावलकोट के एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। 

Created On :   4 Jan 2018 10:14 AM IST

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