पेशावर में एक ईसाई पादरी विलियम सिराज की निर्मम हत्या, दुनियाभर के ईसाई समुदाय स्तब्ध

The brutal murder of a Christian priest William Siraj in Peshawar, shocked the Christian community around the world
पेशावर में एक ईसाई पादरी विलियम सिराज की निर्मम हत्या, दुनियाभर के ईसाई समुदाय स्तब्ध
पाकिस्तान पेशावर में एक ईसाई पादरी विलियम सिराज की निर्मम हत्या, दुनियाभर के ईसाई समुदाय स्तब्ध
हाईलाइट
  • गोली लगने से पादरी विलियम सिराज की मौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पेशावर में एक ईसाई पादरी की हत्या से दुनियाभर के ईसाई समुदाय स्तब्ध हैं। पादरी जब चर्च से घर लौट रहे थे, उसी दौरान मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने उनकी कार पर गोलियां चला दीं। गोली लगने से पादरी विलियम सिराज की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया।

यह निर्मम हत्या पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय किस तरह अत्याचारों का सामना कर रहे हैं, उसका एक ताजा उदाहरण है। यहां ईसाइयों को अपहरण, हत्याओं जैसी क्रूरता का सामना करना पड़ा है और ईशनिंदा का दोषी ठहराकर उन्हें सरेआम मौत की सजा दी जा रही है। ये हत्याएं उस निराशाजनक परिस्थितियों की ओर इशारा करती हैं, जिसमें ईसाई लगातार भय और असुरक्षा के बीच पाकिस्तान में किसी तरह जीवित रह रहे हैं। उन्हें न तो न्याय मिल पाता है और न ही सरकारी संस्थानों या एजेंसियों से किसी तरह की राहत मिलती है। हत्यारों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है, हालांकि स्थानीय मीडिया रिपोटरें ने पेशावर के एक पुलिस अधिकारी के हवाले से इसे आतंकवादी हमला बताया है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सीनेटर शेरी रहमान ने भी हमले की निंदा करते हुए कहा आतंकवाद जो किसी को भी निशाना बनाता है, विशेष रूप से उनकी आस्था के लिए, जघन्य है और इसके खिलाफ स्पष्ट, ठोस नीति और राज्यशक्ति की पूरी ताकत के साथ लड़ा जाना चाहिए। कोई समझौता नहीं, कोई समानता नहीं। चर्च ऑफ पाकिस्तान के सबसे वरिष्ठ बिशप आजाद मार्शल ने इस हमले की जोरदार निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, हम पाकिस्तान सरकार से इंसाफ और ईसाइयों की सुरक्षा की मांग करते हैं।

बिशप आजाद ने कहा कि दोनों पीड़ित पाकिस्तान के पेशावर सूबा के चर्च में पादरी थे, जो मेथोडिस्ट और एंग्लिकन सहित प्रोटेस्टेंट चर्चो का एक संघ है। पाकिस्तान में ईसाई समुदाय सोशल मीडिया पर अपने डर और चिंताएं व्यक्त कर रहा है और दुनियाभर के ईसाई हत्या की निंदा कर रहे हैं।

इस भयानक हत्या ने पाकिस्तान में ईसाई समुदाय को निशाना बनाने के लिए 2013 में पेशावर में ऑल सेंट्स चर्च के बाहर किए गए दोहरे आत्मघाती बम विस्फोटों की याद दिला दी, जिसमें 127 लोग मारे गए और 250 से अधिक घायल हो गए। यह पाकिस्तान के इतिहास में ईसाई अल्पसंख्यक पर सबसे घातक हमला था। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़े इस्लामवादी समूह जुंदाल्लाह ने 2013 में हुए नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसने कहा कि ईसाइयों और गैर-मुसलमानों पर हमले जारी रहेंगे, क्योंकि वे इस्लाम के दुश्मन हैं।

पादरी विलियम सिराज की हत्या के बाद पाकिस्तान में अल्पसंख्यक ईसाइयों के बीच डर है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या पाकिस्तानी तालिबान उन्हें फिर से निशाना बना सकता है। हाल के वर्षो में आतंकवादियों ने ईसाइयों को निशाना बनाया है और पाकिस्तानी तालिबान द्वारा पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्ष विराम खत्म किए जाने के बाद से हिंसा बढ़ गई है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   3 Feb 2022 12:00 AM IST

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