भारत समेत 11 देशों को अमेरिका की चेतावनी, 4 नवंबर तक ईरान से बंद करे तेल व्यापार
- अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद अन्य देशों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
- ईरान से तेल लेने वाले 11 देशों से अमेरिका ने तेल न लेने की अपील की है।
- यदि ऐसा नहीं किया गया तो सभी 11 देशों को अमेरिका से कठोर आर्थिक प्रतिबंधो का सामना करना पड़ेगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका-ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद अन्य देशों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। ईरान से तेल लेने वाले 11 देशों से अमेरिका ने तेल न लेने की अपील की है। इन 11 देशों की सूची में भारत का नाम भी शामिल है। अमेरिका ने ईरान पर जो ताजा प्रतिबंध लगाए हैं उसके तहत वो चाहता है कि सभी 11 देश और उनसे जुड़ी सभी कंपनियां ईरान से तेल लेना बंद कर दें। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो सभी 11 देशों को अमेरिका से कठोर आर्थिक प्रतिबंधो का सामना करना पड़ेगा।
ट्रंप प्रशासन के अधिकारी के मुताबिक अमेरिका ने खासतौर पर भारत और चीन को ईरान से तेल न लेने की अपील इसलिए की है, क्योंकि अमेरिका जानता है कि दोनों देशों में सबसे ज्यादा तेल की खपत होती है। भारत और चीन ईरान से सबसे ज्यादा मात्रा में तेल खरीदने वाले देश हैं। यदि ऐसा होता है तो भारत और चीन जैसे देशों का ईरान के साथ तेल व्यापार शून्य पर चला जाएगा। अमेरिका का मानना है कि हमें ईरान के साथ तेल के व्यापार में कमी लाना चाहिए। इसलिए अमेरिका ने 4 नंवबर तक ईरान से तेल व्यापार को पूरी तरह से समाप्त करने की अपील सभी 11 देशों से की है।
ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद इस मुद्दे पर भारत ने अपना रुख साफ़ कर दिया है। बीते हफ्ते ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ की भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत की विदेश नीति किसी देश के दबाव में नहीं चलती। उनका यह भी कहना था कि भारत केवल उन्हीं प्रतिबंधों का पालन करेगा जो संयुक्त राष्ट्र ने ईरान पर लगाए थे। अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद भी भारत ईरान से व्यापार करता रहेगा। हालांकि ये बात अलग है कि अमेरिका से भारत का सालाना करोबार 115 अरब डॉलर है, जिसके सामने ईरान का 13 अरब डॉलर का करोबार कहीं नहीं टिकता है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि भारत ने क्यों ईरान से व्यापार को तरजीह देने का फैसला लिया है।
तेल की कीमतों में आएगा जबर्दस्त उछाल
अमेरिकी की इस घोषणा के बाद तेल की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। जिससे साफ होता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ओबामा प्रशासन के मॉडल का पालन नहीं करेंगे। बता दें कि हाल में कच्चे तेल की कीमतें साढ़े तीन साल के उच्चतम स्तर पर है। ऐसे में अमेरिका की यह घोषणा तेल की कीमतों में जबर्दस्त उछाल ला सकती है।
Created On :   27 Jun 2018 10:47 AM GMT